ललित मोदी की याचिका पर फैसला कल
१४ जुलाई २०१०ललित मोदी की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ढाई साल पहले आईपीएल लीग की शुरुआत की थी, जो रातों रात बुलंदियों तक पहुंच गया और अचानक सैकड़ों हजार करोड़ रुपये बनाने की मशीन बन गया. लेकिन बाद में आरोप लगे कि मोदी ने इसकी आड़ में कई अनियमिततातएं की थीं. इस साल तीसरा आईपीएल खत्म होने के बाद मोदी को सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ बीसीसीआई कार्रवाई कर रहा है.
मोदी को तीन बार नोटिस जारी किया गया और उन्होंने तीनों के जवाब भी बोर्ड को भेज दिए. लेकिन उनका मानना है कि बोर्ड से उन्हें न्याय नहीं मिल सकता. इसके बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की. मोदी के वकील विराग तुलजापुरकर का कहना है कि मोदी के खिलाफ बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति जांच कर रही है और उससे निष्पक्ष और ईमानदार न्याय की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
समिति की बैठक 16 जुलाई को होनी है और उसने मोदी से कहा है कि वह भी इसमें पेश हों. लेकिन ललित मोदी ने मांग की थी कि मामले की जांच किसी बाहरी और स्वतंत्र तरीके से कराई जानी चाहिए. मौजूदा समिति में अरुण जेटली, ज्योतिरादित्य सिंधिया और आईपीएल के अंतरिम चेयरमैन चिरायु अमीन शामिल हैं.
तुलजापुरकर का कहना है कि इस समिति के फैसले पर उन्हें भरोसा नहीं है. उनका आरोप है कि बीसीसीआई सचिव एन श्रीनिवासन ने मोदी के खिलाफ पक्षपातपूर्ण फैसला किया है. मोदी का कहना है कि आईपीएल की चेन्नई टीम में श्रीनिवासन की भी हिस्सेदारी है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ए कुमार