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रूस ने गैस समझौता रद्द किया

१२ जनवरी २००९

रूस ने कहा है कि वह गैस सप्लाई को लेकर यूक्रेन और यूरोपीय संघ के साथ हुए समझौते को अमल में नहीं ला सकता. उसके अनुसार, यूक्रेन ने समझौते में जो बदलाव किये हैं वे "अस्वीकार्य" हैं.

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रूसी राष्ट्रपति मेद्वेदेव और विदेश मंत्री लावरोव ने बैठक के बाद समझौता रद्द करने की घोषणा कीतस्वीर: AP

रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने कहा कि यूक्रेन के इस क़दम के साथ ही समझौता रद्द किया जा रहा है. इस विवाद के कारण यूरोप के कई देशों में ऊर्जा संकट पैदा होने का खतरा और बढ़ गया है जहां इस साल कड़ाके की सर्दी पड़ रही है.

यूरोपीय संघ और यूक्रेन ने कहा है कि वे रूस की आपत्ति पर ध्यान देंगे. यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष खोसे मावुएल बारोसो ने यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया टीमोशेंको के साथ टेलिफोन पर बात की जिस दौरान टीमोशेंको ने बताया कि जो बदलाव लाए गए हैं वे रूस के लिए बाध्यकारी नहीं हैं. इससे पहले रूस के इस बयान के बाद यूक्रेन की तरफ से आरोप लगाया गया था कि रूस अपनी मनमानी कर रहा है.

Gasstreit Russland Ukraine
यूरोप की एक-चौथाई गैस की आपूर्ती रूस से होती है जिसका 80 प्रतिशत हिस्सा यूक्रेन के रास्ते आता है.तस्वीर: AP

24 घंटे पहले ऐसा लग रहा था कि समझैते के साथ ही रूसी गैस कंपनी गैसप्रॉम यूक्रेन के रास्ते यूरोप के लिए गैस सप्लाई बहाल कर देगी. इस समझौते में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा गैस की सप्लाई की निगरानी का प्रावधान शामिल था. लेकिन रूसी राष्ट्रपति मेद्वेदेव ने कहा कि यू्क्रेन ने समझौते में जो बदलाव किये हैं वे उन्हें मंज़ूर नहीं हैं. बताया जा रहा है कि इन बदलावों का गैसप्रॉम की तरफ यक्रेनी कर्ज़ से संबंध है और यह कि यूक्रेन यूरोप के लिए जाने वाली गैस की चोरी कर रहा है.

यूरोप की 25 प्रतिशत गैस गैसप्रॉम से आती है जिसका 80 प्रतिशत यूक्रेन से होकर गुज़रता है. और सर्दी के इस मौसम में यह एक संकट से कम नहीं है. यूक्रेन की गैस कंपनी नैफ्टोगैस का कहना है कि अगर रूस गैस सप्लाई बहाल भी करता है तो उसे यूरोप तक पहुंचने के लिए 36 घंटे लग सकते हैं.

जर्मनी में लगभग तीन महीने का रिजर्व होने के कारण उपभोक्ताओं के चिंतित होने की कोई वजह नहीं है, दूसरे देशों में हालत खस्ता है. स्लोवाकिया और बुल्गारिया में गैस की कमी के कारण उद्यमों को दी जाने वाली गैस पर राशन लगा दिया गया है. स्लोवाकिया ने कहा है कि यदि गैस की आपूर्ति रुकी रहती है तो उसे परमाणु बिजलीघर को फिर से चलाना होगा. सर्बिया के कुछ शहरों में घरों को गर्म करने के लिए गैस नहीं मिल रही है.