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रूस-जर्मन साझेदारी - खुली और इज़्ज़त से भरी

प्रिया एसेलबोर्न५ जून २००८

जर्मन चांसलर आंगेला मैर्कल ने कुछ हफ्ते पहले मोस्कोव में रूस के नए राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव से मुलाकात की थी. उस समय दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत बनाने का वादा किया.

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रूसी राष्ट्रपति मेद्वेदेव बर्लिन मेंतस्वीर: AP

लेकिन मेदवेदेव की जर्मनी यात्रा के पहले मैर्केल का यह भी कहना था कि रूस में मानव अधिकारों के उल्लंघन और लोकतांत्रिक ढांचे में खामियों की बात भी करनी होगी - चाहे यह मेदवेदेव को पसंद आए या नहीं.

Deutschland Russland Dmitri Medwedew in Berlin Angela Merkel
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

सैन्य सम्मान के साथ बर्लिन में नए रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव का स्वागत किया गया. मेदवेदेव ने जर्मन चांसलर आंगेला मैर्केल, विदेश मंत्री फांक बाल्टी श्टाइनमायर और राष्ट्रपति होर्स्ट कोएलर से बात की और अपनी विदेश नीति में लक्ष्यों के बारे में बताया.

"मेरे लिए यह बिलकुल स्पष्ट है कि भविष्य में भी हमारे देशों के बीच संबंध बढ़ते ही जाएंगे. पुतिन के समय से दोनों देशों के बीच जो दोस्ताना संबंध हैं, उन्हें हम आगे बढ़ाएंगे."

जर्मनी रूस का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोगी है. उम्मीद यह है कि दोनों देशों के बीच व्यापार इस साल 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़कर 40 अरब यूरो तक पहुंचेगा. सत्तारूढ मोर्चे के साझेदार एसपीडी के रूस मामलों के जानकार मार्कुस मेकेल के मुताबिक रूस जर्मनी के संबंध मायने रखते हैं.

"जर्मनी के लिए रूस ऊर्जा की आपूर्ति के मामले में बहुत ही अहम है. हमारी दिलचस्पी ईरान या मध्य पूर्व में स्थिरता लाने में है और इसमें रूस बड़ी भूमिका निभा सकता है. कोसोवो में भी हमारे हित हैं लेकिन इस मामले में यूरोप और रूस के विचार बिलकुल अलग हैं. आखिरकार हम रूस में लोकतंत्र का विकास देखना चाहते हैं."

Deutschland Russland Dmitri Medwedew in Berlin Angela Merkel Pressekonferenz
तस्वीर: AP

जर्मन चांसलर आंगेला मैर्केल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह सकारात्मक संकेत है कि मेदवेदेव ने अपनी पहली यूरोपीय यात्रा के लिए जर्मनी को चुना है. बयालीस साल के मेदवेदेव ने मैर्केल से अपनी दो घंटे की बातचीत के दौरान अपनी यह बात दोहरायी कि दोनों देशों के बीच स्ट्रैटेजिक साझेदारी एक दूसरे के लिए इज़्जत से भरी होनी चाहिए. दोनों नेताओं ने कहा कि वे खुले और सच्चे संवाद को आगे बढाना चाहते हैं. लेकिन मैर्कल ने रूस में पारदर्शिता की मांग की और कहा कि लोगों को न्याय व्यवस्था पर भरोसा होना चाहिए. मेदवेदेव ने स्वीकार किया कि रूस की न्याय व्यवस्था में सुधार लाना बहुत ही ज़रूरी है. लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे रुस के आंतरिक मामलों में किसी भी देश का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं.

मेदवेदेव की पहली यूरोपीय यात्रा पर रूस में बड़े गौर से देखा जा रहा है. वैसे तो पूर्व राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन और पूर्व जर्मन चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर एक दूसरे के बहुत करीब माने जाते थें, जबकि मैर्कल और पूतिन के संबंध काफी ठंडे पड़ गए थे.