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रूस को 'परमाणु मिसाइल तैनाती का हक'

७ फ़रवरी २०१८

रूस ने कहा है कि यह उसका संप्रभु अधिकार है कि वह अपने क्षेत्र में कहीं भी मिसाइलें तैनात करे. खबरें है कि रूस बाल्टिक सागर में कालिनिनग्राद में परमाणु क्षमता वाली इस्कांदेर मिसाइल तैनात कर रहा है.

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Russland Militärische Übung mit Raketten und  Iskander-M-Rakettenwerfer
तस्वीर: picture alliance/dpa/Y. Smityuk

कालिनिनग्राद बाल्टिक सागर के पास रूसी इलाका है जिसकी सीमाएं पोलैंड और लिथुआनिया से मिलती हैं. वहां तैनात होने वाली मिसाइल की जद में पोलैंड, लिथुआनिया, लात्विया और एस्टोनिया जैसे नाटो सदस्य होंगे. लिथुआनिया की राष्ट्रपति के साथ साथ रूस के एक सांसद ने भी कहा है कि इस्कांदेर मिसाइल को कालिनिनग्राद में तैनात कर दिया गया है. हालांकि रूस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.

रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमिद्री पेस्कोव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "रूसी क्षेत्र में किसी तरह के हथियारों की तैनाती या फिर किसी सैन्य यूनिट की तैनाती पूरी तरह रूसी संघ का संप्रभु विशेषाधिकार है." उन्होंने कहा, "रूस ने कभी किसी को धमकी नहीं दी है और न ही दे रहा है. स्वाभाविक रूप से रूस के पास संप्रभु अधिकार है. इससे शायद ही किसी को चिंता करने की जरूरत होनी चाहिए."

उधर लात्विया के विदेश मंत्री एडगार्स रिंकेविच ने कहा है कि कालिनिनग्राद के ताजा घटनाक्रम के बाद एक बार फिर नाटो की क्षमताओं को बेहतर बनाने के विषय पर चर्चा करना जरूरी हो गया है, जो प्रक्रिया पहले से ही चल रही है.

रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया इलाके को अपने क्षेत्र में मिला लिया था. तभी से रूस और उसके पश्चिमी पड़ोसियों के बीच तनाव चल रहा है. ऐसे में, कालिनिनग्राद में रूसी मिसाइल की तैनाती की खबरों को कई नाटो सदस्य अपने लिए खतरा मान रहे हैं. लिथुआनिया की राष्ट्रपति डालिया ग्रीबाउस्केत ने सोमवार को कहा, "इससे परिस्थितियां और गंभीर हो जाती हैं क्योंकि कालिनिनग्राद में इस्कांदेर मिसाइलों की तैनाती का मतलब है यूरोप की आधी राजधानियों के लिए खतरा." रूस अक्सर कहता रहा है कि वह पूर्वी यूरोप में विकसित हो रहे अमेरिकी मिसाइल रक्षा तंत्र के जबाव में कालिनिनग्राद में इस्कांदेर मिसाइल को तैनात करेगा. अमेरिका का कहना है कि ईरान की तरफ से संभावित हमले को रोकने के लिए इस मिसाइल रक्षा तंत्र को तैनात किया जा रहा है, हालांकि रूस का कहना है कि इसके जरिए उसे निशाना बनाया जा रहा है.

उधर नाटो के एक अधिकारी ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया, "हमारी सीमाओं के पास मिसाइल से जुड़ा कोई भी ऐसा घटनाक्रम तनाव को घटाने में मदद नहीं कर सकता है जो परमाणु वॉरहेड ले जाने से जुड़ा हो. पारदर्शिता को देखते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि रूस इस बारे में कुछ कहे."

एके/ओएसजे (रॉयटर्स, एपी, इंटरफैक्स)