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रूस के खिलाफ मैर्केल ओबामा एकजुट

२ मई २०१४

चांसलर अंगेला मैर्केल का पिछला अमेरिका दौरा बेहतर माहौल में हुआ. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनके सम्मान में भोज दिया, व्हाइट हाउस के सामने उन्हें सलामी दी गई और रोज गार्डन में राजकीय भोज हुआ. इस बार सिर्फ कामकाजी बैठक हुई.

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Angela Merkel Barack Obama 2.5.2014
तस्वीर: Reuters

जर्मन चुनावों के सात महीने बाद हुआ यह दौरा 24 घंटे से भी कम समय के लिए था. ये सात महीने एनएसए कांड के साए में रहे हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए पर जर्मनी में भी जासूसी करने के आरोप हैं. एनएसए ने जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल को भी नहीं बख्शा. उनका मोबाइल फोन भी खुफिया एजेंसी के निशाने पर था. लेकिन इस दौरे का मुख्य मुद्दा यूक्रेन विवाद है. मैर्केल और ओबामा ने एकजुटता दिखाई और रूस को नए प्रतिबंधों की धमकी दी. ओबामा ने यूक्रेन पर सहयोग के लिए मैर्केल का आभार जताया और उन्हें मजबूत पार्टनर बताया.

और प्रतिबंधों के लिए तैयार

ओबामा के साथ बातचीत के बाद मैर्केल ने कहा कि मॉस्को को पड़ोसी देश में तनाव कम करने में योगदान देना चाहिए और 25 मई को होने वाले चुनावों को खतरे में नहीं डालना चाहिए, "यदि आने वाले दिनों में यह संभव नहीं होगा तो और प्रतिबंध अपरिहार्य होंगे." चांसलर ने कहा कि यूरोप प्रतिबंधों के तीसरे चरण के लिए तैयार है. ओबामा ने भी रूस को और अस्थिरता के जरिए चुनावों में बाधा डालने के खिलाफ चेतावनी दी. ऐसी स्थिति में पश्चिमी देशों के सामने अतिरिक्त सख्त प्रतिबंध लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं रहेगा.

शुक्रवार को ओवल ऑफिस में बातचीत से पहले ओबामा और मैर्केल हंसते हुए एक साथ बैठे थे, फोटोग्राफरों से तस्वीर खिंचवाने के लिए, जैसे किसी मुद्दे पर तनाव जैसी कोई बात न हो. जर्मन प्रतिनिधिमंडल इस दौरे को औपचारिक दौरे के तत्वों वाला कामकाजी दौरा बता रहा है. ओबामा ने चांसलर के साथ बात करने के लिए चार घंटे का समय रखा है और उसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी तय है. आम तौर पर इस तरह के मौकों पर स्वागत के कुछ बयान दिए जाते हैं.

Merkel Obama 02.05.2014
तस्वीर: picture-alliance/dpa

एकजुटता का संदेश

वॉशिंगटन में मौसम सुहाना था तो अंदर अमेरिकी सत्ता केंद्र में मैर्केल और ओबामा के बीच ढेर सारे मुद्दों पर चर्चा हुई. सबसे प्रमुख यूक्रेन का मुद्दा रहा. हालांकि पिछले दिनों में इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच अक्सर टेलिफोन पर बातचीत होती रही है लेकिन इस बार मकसद रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को एकजुटता का संदेश देना भी है. इस तरह का संकेत देना इतना आसान नहीं क्योंकि अमेरिका में लोगों को यूरोप की नरमी पर आश्चर्य हो रहा है.

मैर्केल के वॉशिंगटन पहुंचने से पहले ही प्रभावशाली सीनेटर जॉन मैक्केन ने बर्लिन की नेतृत्व क्षमता की कमजोरी की शिकायत की थी और सरकार पर औद्योगिक लॉबी के प्रभाव को शर्मनाक बताया था. डेमोक्रैटिक सीनेटर क्रिस मर्फी ने ट्रांसअटलांटिक सहबंध के लिए निर्णायक घड़ी की बात करते हुए रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों की वकालत की. लेकिन मुश्किल से वित्तीय संकट पर काबू पाने वाला यूरोप रूस पर गैस की निर्भरता के कारण इस तरह के कदम उठाने से बच रहा है. यूरोपीय फैसले के लिए 28 सदस्य देशों की सहमति चाहिए.

नहीं होगी संधि

अमेरिकी सीनेटरों के साथ अपनी बैठक में चांसलर मैर्केल ने यूरोपीय रुख को स्पष्ट करने की कोशिश की. व्हाइट हाउस ने भी यूरोप की स्थिति के लिए समझ दिखाई है. ओबामा के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा कि अमेरिका मॉस्को के खिलाफ और प्रतिबंधों के मामले में इसका ध्यान रखेगा.

यूक्रेन संकट के कारण एनएसए कांड पृष्ठभूमि में चला गया है.

जर्मन सरकार ने इस मुद्दे पर उम्मीदों को कम करने की कोशिश की है. ओबामा के निमंत्रण के बाद मैर्केल ने भी कहा था कि समस्या को सुलझाने के लिए एक से ज्यादा दौरों की जरूरत होगी. एनएसए कांड के सामने आने के बाद जर्मनी ने अमेरिका के साथ जासूसी न करने की संधि की पहल की थी, लेकिन इस बीच साफ हो गया है कि यह संधि नहीं होगी. अमेरिकी खुफिया एजेंसियां यह आश्वासन देने को भी तैयार नहीं कि वह जर्मन भूमि पर जर्मन कानून का आदर करेगी.

एमजे/आईबी (एएफपी)