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रूस और सीरियाई विपक्ष सहमत नहीं

११ जुलाई २०१२

सीरिया विवाद में रूस ने सुरक्षा परिषद में नए प्रस्ताव का मसौदा दिया है, जिसमें दमिश्क के खिलाफ प्रतिबंधों की बात नहीं है. उधर विपक्षी नेता अब्देल बासेत सीडा ने रूस से सीरिया की सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग की है.

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तस्वीर: dapd

रूस ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र मिशन की अवधि तीन महीने बढ़ाने के प्रस्ताव का एक मसौदा बांटा है ताकि वह गैरमौजूद संघर्षविराम के बदले विवाद के राजनीतिक समाधान पर ध्यान केंद्रित कर सके. बुरी तरह से विभाजित सुरक्षा परिषद को 20 जुलाई तक संयुक्त राष्ट्र मिशन के भविष्य का फैसला करना होगा. उसको मिला 90 दिनों का समय उस दिन समाप्त हो रहा है.

बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ कोफी अन्नान सीरिया में शांति की अपनी कोशिशों के बारे में सुरक्षा परिषद के सदस्यों को जानकारी देंगे. संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने सीरिया विवाद पर चर्चा के लिए ईरान और इराक जाने से पहले सोमवार को दमिश्क में सीरिया के राष्ट्रपति असद से बातचीत की. अन्नान ने कहा कि असद ने उन्हें कदम दर कदम विवाद को शांत करने का प्रस्ताव दिया है. शुरुआत उन जिलों से होगी जो हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं.

Abdulbaset Sieda
अब्देल बासेत सीडातस्वीर: dapd

इस बीच चीन ने सीरिया विवाद में ईरान को शामिल करने के कोफी अन्नान के प्रस्ताव का समर्थन किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिऊ वाइमिन ने कहा है कि उचित समाधान के लिए इलाके के देशों को प्रयासों में शामिल किया जाना चाहिए. इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने भी अन्नान के प्रस्ताव का समर्थन किया है. खासकर पश्चिमी देश ईरान की भागीदारी के खिलाफ हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा है कि कोई गंभीरता से नहीं कह सकता कि ईरान का सीरिया की घटनाओं पर सकारात्मक प्रभाव रहा है. पश्चिमी देशों का आरोप है कि मार्च 2011 में लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू होने के बाद से राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना के हाथों 15,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. रूसी प्रस्ताव अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्यों को संतुष्ट करने में कामयाब नहीं होगा. वे यूएन चार्टर की धारा 7 के तहत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

Syrien UN Kofi Annan zu Gespräche in Damaskus mit Präsident Bashar al-Assad
अन्नान और असदतस्वीर: Reuters

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि वे सीरिया पर प्रतिबंधों की मांग कर रहे हैं, न कि सैनिक हस्तक्षेप की. संयुक्त राष्ट्र में रूस के उपदूत अलेक्जैंडर पानकिन का कहना है कि धारा 7 के तहत पास होने वाले प्रस्ताव का प्रतिकूल असर होगा. पानकिन का कहना है कि रूस के प्रस्ताव में धारा 7 का जिक्र नहीं है और यह उसके लिए सिद्धांतों का सवाल है क्योंकि विशेष दूत अच्छा काम कर रहे हैं. रूस और चीन ने पहले असद पर दबाव डालने वाले प्रस्तावों को वीटो कर दिया है.

सीरिया की विपक्षी राष्ट्रीय परिषद के प्रमुख अब्देल बासेत सजदा ने मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव से मुलाकात की और रूस पर राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन रोकने के लिए दबाव डाला. सजदा ने लावरोव से कहा कि सीरिया विवाद में सरकार और विपक्ष के बीच मतभेदों की बात नहीं है बल्कि यह एक क्रांति है जिसकी तुलना सोवियत संघ के विघटन के साथ की जा सकती है.

लावरोव ने साफ किया कि सीरिया पर रूस अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा. उनका देश बातचीत को रूसी रुख पर राष्ट्रीय परिषद की सभी शंकाओं को दूर करने की संभावना मानता है. मॉस्को यह समझना चाहता है कि सीरियाई विपक्ष के एकजुट होने और सरकार के साथ बातचीत शुरू करने की क्या संभावना है.

एमजे/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)

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