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रूस और यूक्रेन झगड़ा सुलझाएं: अमेरिका

गुलशन मधुर, वॉशिंगटन२ जनवरी २००९

अमेरिका ने कहा है कि रूस व यूक्रेन अपना गैस विवाद सुलझाएं. बक़ाया क़र्ज़ और गैस की क़ीमतों पर विवाद के चलते रूस ने यूक्रेन की गैस आपूर्ति रोक दी है. हालांकि दोनों देशों ने कहा है यूरोप की गैस आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी.

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रूस ने रोकी यूक्रेन की सप्लाईतस्वीर: AP

रूस द्वारा यूक्रेन को गैस-सप्लाई बंद की जाने और दोनों देशों के बीच एक नए अनुबंध पर सहमति न हो पाने के मुद्दे पर अमेरिका का कूटनीतिक रुख़ तटस्थता का बना हुआ है. रूस द्वारा नियंत्रित ऊर्जा सप्लाई पर यूरोप की निर्भरता के कारण स्थिति बेशक़ चिंताजनक है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता गॉर्डन रूस और यूक्रेन से कहा है कि वे इस बात की अनदेखी न करें कि सप्लाई में आने वाली बाधा के मानवीय स्तर पर क्या परिणाम हो सकते हैं.

राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के क्रॉफ़र्ड, टैक्सस स्थित रैंच से एक लिखित वक्तव्य में जॉन्ड्रो ने कहा , " हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन गैस-संबंधी ऋण और प्राकृतिक गैस सप्लाई व्यवस्था की शर्तों पर अपने विवाद को सुलझा सकेंगे."

कुछ इसी तरह का वक्तव्य यूरोपीय संघ में अमेरिकी राजदूत क्रिस्टन सिल्वरबर्ग ने दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों पक्षों से समझौता वार्ताएं फिर शुरू करने का आग्रह कर रहा है. सिल्वरबर्ग ने कहा कि अमेरिका का विचार है कि इस विवाद का गैस-सप्लाई में आगे किन्हीं और बाधाओं के बिना समाधान पाया जा सकेगा.

रूस की विशाल ऊर्जा कंपनी गैसप्रॉम के गैस सप्लाई रोकने के क़दम से उसकी जनवरी 2006 की ऐसी ही कार्रवाई की याद ताज़ा हो गई है, जिसका यूक्रेन के रास्ते जाने वाली सप्लाई पर प्रतिकूल असर पड़ा था. यह बात और है कि यूक्रेन और यूरोपीय संघ दोनों का कहना है कि उनके पास इस वर्ष की सर्दियां गुज़ारने के लिए पर्याप्त गैस भंडार मौजूद हैं.

यूक्रेन को लेकर रूस के साथ बने हुए तनाव के बावजूद व्हाइट हाउस बुश-सरकार के अंतिम दिनों में अपने बयानों में सतर्कता बरत रहा है. लेकिन प्रवक्ता जॉन्ड्रो ने अपने लिखित वक्तव्य में यह ज़रूर कहा कि यूक्रेन और शेष यूरोप में बाज़ार पर आधारित पारदर्शिता के साथ ऊर्जा का सुनिश्चित प्रवाह, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों में स्थिरता और निर्भरणीयता बनाए रखने के लिए मूल महत्व की बात है.

पिछले कुछ समय से अमेरिका और रूस के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. पूर्वी यूरोप में मिसाइल भेदी प्रणाली लगाने की अमेरिकी योजना और जॉर्जिया और यूक्रेन के नाटो की सदस्यता के प्रयासों का अमेरिका द्वारा समर्थन मॉस्को को एक आंख नहीं भाता रहा है. दूसरी ओर अमेरिका के भावी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संकेत दिया है कि वह यूक्रेन की नेटो में सदस्यता के हक़ में हैं, बशर्ते उसके लिए दोनों देश तैयार हों.