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रूसी सेना जॉर्जिया में और आगे बढ़ी

१२ अगस्त २००८

अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने जॉर्जिया की स्थिती पर चिंता जताते हुए कहा कि रूस को अपनी सेना जॉर्जिया से हटा लेनी चाहिये. हालात गंभीर हैं. लोग अपने घर छोड़ कर जाने को मजबूर हैं.

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सैन्य कार्रवाई ख़त्म हो- अमेरिकी राष्ट्रपति बुशतस्वीर: AP

सोमवार को यूरोपीय संघ के शांति प्रस्ताव पर जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली ने हस्ताक्षर कर दिये अब रूस को हस्ताक्षर करना बाकी है. रूस की सेनाएं जॉर्जिया में लगातार आगे बढ़ रही हैं. जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली ने कहा है कि रूस की सेना ने कई इलाक़ों पर क़ब्ज़ा कर लिया है. जॉर्जिया के तमाम प्रमुख रास्तों, सड़कों और पुलों पर अब रूस की सेना का नियंत्रण है. राजधानी तब्लिसी रास्तों और पुलों के बंद होने से राजधानी एकदम अलग-थलग हो गई है.

Kämpfe um Südossetien Russische Panzer
लगातार तेज़ होती सैन्य कार्रवाईतस्वीर: AP

शांति प्रस्ताव पर सहमत यूरोपीय संघ और अमेरिका

यूरोपीय संघ के बाकी सदस्य देशों के अलावा फ्रांस, अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के सामने पेश किये जाने वाले शांति प्रस्ताव से पूरी तरह सहमत हैं लेकिन रूस ने इसे स्वीकार करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है. बातचीत आगे बढ़ाने के लिये फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी मंगलवार को जॉर्जिया पहुंचने वाले हैं. ब्रिटेन में यूरोपीय मामलों के मंत्री जिम मर्फी ने कहा है कि रूस की सैनिक कार्रवाई बर्बरतापूर्ण है लेकिन विदेशी सेना को वहां भेजने का कोई सवाल ही नहीं है. उधर इंटरफेक्स समाचार एजेंसी ने कहा है कि अलगाववादी प्रांत अबख़ाज़िया में सेना जॉर्जियाई सैनिकों को जॉर्ज इलाक़े से उत्तरी कोदोर में धकेलने की कोशिश कर रही है. जॉर्ज अबख़ाज़िया का इकलौता ऐसा इलाक़ा है जो पूरी तरह जॉर्जिया की कमान में है.

हालात ख़राब

Kämpfe um Südossetien Flüchtlinge im Bus
घर छोड़ने को मजबूरतस्वीर: AP

शहर वीरान, घर हमलों से पूरी तरह ध्वस्त, या फिर सिर्फ़ दीवारों का ढांचा. एक भी इमारत ऐसी नहीं जिस पर हमले के निशान न हों. जो लोग शहरों में बचे हैं वे बूढ़े हैं. दुकाने बंद हैं, खाने का सामान ख़त्म है लोग परेशान और पशोपेश में. 40 हज़ार लोग गोरी, सेनाकि और दक्षिणी ओसेतिया की राजधानी सिनवाली से पलायन कर चुके हैं. सोमवार को जॉर्जिया के प्रधानमंत्री लादो गुरदेनित्ज़ ने कहा कि रूसी सेना बंदरगाह शहर पोती में घुस चुकी हैं. रूस का कहना था कि उसकी सेना का जॉर्जिया की तरफ़ जाने का कोई इरादा नहीं है लेकिन बाद में रूस के विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया कि उसकी सेना ने सेनाकि शहर में एक सैनिक चौकी पर हमला कर उसे नष्ट कर दिया.

जॉर्जिया पीछे हटे-रूस

Schwere Kämpfe in Südossetien Brennendes Haus
जलता जॉर्जियातस्वीर: picture-alliance /dpa

रूसी विदेश मंत्री सेरगई इवानोव का कहना है कि जॉर्जिया सहित दक्षिणी ओसेतिया, अबख़ाज़िया इस समझौते पर हस्ताक्षर करें कि राजनीतिक मसलों को हल करने के लिये फिर कभी सेना इस्तेमाल नहीं की जाएगी.

जबकि संयुक्त राष्ट्र में रूसी दूत विताली त्चुरकिन का कहना है कि सिर्फ़ शांति प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से कुछ नहीं होगा जॉर्जियाई इलाकों में शांति के लिये सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि जॉर्जिया की सेना वहां से हटे. त्चुरकिन का कहना था कि रूस जॉर्जिया में लोकतंत्र का पूरा समर्थन करता है लेकिन शांति के लिये ज़रूरी है कि दक्षिणी ओसेतिया से जॉर्जियाई सेना पूरी तरह पीछे हटे.

जॉर्जिया की सरकार का कहना था कि रूस के सैनिक अब अलगाववादी इलाक़ों दक्षिणी ओसेतिया और अबख़ाज़िया के बाद जॉर्जिया की सीमा में और आगे बढ़ रहे हैं. यह विवाद पिछले सप्ताह तब शुरु हुआ जब जॉर्जिया ने दक्षिण ओसेतिया पर हमला कर दिया. 1992 में दक्षिण ओसेतिया ने ख़ुद को आज़ाद घोषित कर दिया था.