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रूसी-जर्मन बातचीत में आर्थिक मुद्दों को प्रमुखता

१४ अगस्त २००९

जर्मन चांसलर आंगेला मैर्केल और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच रूस के सोची में बातचीत चल रही है. इस बार आर्थिक मुद्दों को प्रमुखता दी जा रही है.

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सवाल मार्क्स नहीं, पूंजी का है.तस्वीर: AP

दोनों देशों की बातचीत में इस बार आर्थिक मुद्दों को ही प्रमुखता दी जा रही है. मिसाल के तौर पर विश्व आर्थिक संकट, ऊर्जा की आपूर्ति या जर्मनी के दिवालिया हो रहे गोदी उद्यम वाडान को बचाने का सवाल. ईरान के साथ परमाणु विवाद भी एक मुद्दा है. इसके अलावा चांसलर मैर्केल ने चेचन्या में मानव अधिकार संघर्षकर्ताओं की लगातार हो रही हत्या के मुद्दे को भी उठाया. अपनी यात्रा से पहले उन्होंने इस सवाल पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि उनकी राय में रूसी राष्ट्रपति के लिए भी यह एक अहम मसला है, लेकिन यह ज़रूरी है कि इस सिलसिले में क़दम भी उठाए जाएं. इस वक्त जिस तरीके से चेचन्या में गैर सरकारी संगठनों के मानव अधिकार संघर्षकर्ताओं की हत्या की जा रही है, उसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.

और आज की बातचीत में उन्होंने इस सवाल को उठाया. मेदवेदेव ने कहा कि ये हत्यारे कॉकेशस क्षेत्र की स्थिरता में आंच ला रहे हैं. उन्होंने मांग की कि चेचन्या का नेतृत्व ज़िम्मेदार अपराधियों का पता लगाए और उन्हें सज़ा दे. उन्होंने इन्हें राजनीतिक हत्या बताया.

जहां तक आर्थिक मुद्दों का सवाल है, चांसलर मैर्केल ने कहा है कि बातचीत के दौरान रूस से बाल्टिक सागर होकर जर्मनी तक आने वाली गैस पाइप लाईन की परियोजना के क्षेत्र में काफ़ी प्रगति हुई है. रूस जर्मनी के ओपेल उद्यम और वाडान गोदी में पूंजीनिवेश के लिए भी उत्सुक है. देखा जाए, बातचीत के अंत में कोई ठोस परिणाम सामने आता है या नहीं. जर्मनी की ओर से अनुकूल शर्तों की पेशकश की जा रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: महेश झा