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"रिटेल एफडीआई पर फैसला ठंडे बस्ते में"

५ दिसम्बर २०११

भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने विपक्षी नेताओं को आश्वासन दिया है कि रिटेल सेक्टर में विदेशी निवेश की अनुमति का फैसला फिलहाल लागू नहीं होगा और अंतिम फैसला विपक्ष के साथ परामर्श के बाद लिया जाएगा.

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तस्वीर: AP

वित्त मंत्री ने सोमवार सुबह लोकसभा में विपक्ष की नेता भाजपा की सुषमा स्वराज और सीपीएम सांसद सीताराम येचुरी से बात की. उसके बाद सूत्रों ने कहा, "सरकार फैसले को निलंबित रखने के लिए तैयार है. वह अंतिम फैसला सभी विपक्षी दलों और मुद्दे से जुड़े पक्षों के साथ विचार विनिमय के बाद लेगी."

बातचीच के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि सुषमा स्वराज ने वित्त मंत्री से कहा कि सरकार को इस मामले पर बयान देना चाहिए. रिटेल सेक्टर को विदेशी निवेश के लिए खोलने के मनमोहन सरकार के फैसले का विपक्ष विरोध कर रही है और इसकी वजह से संसद का शीतकालीन अधिवेशन पिछले कई दिनों से ठप्प पड़ा है.

सीताराम येचुरी ने बुधवार को संसद की अगली बैठक से पहले एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है जिसमें पार्टी नेताओं को फैसले की जानकारी दी जानी चाहिए. सरकारी सूत्रों का कहना है कि सर्वदलीय बैठक बुधवार को संसद की बैठक से पहले हो सकती है और उसके रिटेल संबंधी घोषणा संसद में की जा सकती है.

प्रणब मुखर्जी ने पिछले सप्ताह एक सर्वदलीय बैठक में कहा था कि वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कैबिनेट से परामर्श के बाद उनसे फिर से बातचीत करेंगे. कैबिनेट ने रिटेल के क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत विदेशी कंपनियां मल्टी ब्रांड वाले चेन में 51 फीसदी का निवेश कर पाएंगे जबकि सिंगल ब्रांड कंपनियों में 100 फीसदी का निवेश संभव होगा. सर्वदलीय बैठक ने सरकार से एफडीआई के फैसले को वापस लेने को कहा था.

सीताराम येचुरी ने वित्त मंत्री से कहा है कि यह उचित होगा कि एफडीआई के फैसले को निलंबित रखने की बात सभी राजनीतिक दलों को बताई जाए. इस बातचीत के बावजूद विपक्ष अपने इस रुख पर अड़ा हुआ है कि महंगाई और ब्लैकमनी जैसे प्रमुख मुद्दों पर मतदान वाली नियमावली के तहत चर्चा कराई जाए.

रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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