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राहुल गांधी बैठे किसानों के साथ धरने पर

११ मई २०११

किसी ने सोचा भी नहीं था कि राहुल गांधी इतनी सुबह भट्टा परसौल गांव की ज़बरदस्त नाकेबंदी को तोड़ते हुए इस तरह पहुंच जाएंगे. यह तो बिलकुल नहीं सोचा था कि वह किसानों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे.

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राहुल गांधी की राजनीतितस्वीर: UNI

उनकी मांग है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं की जातीं तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे .

उनके साथ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी धरने पर बैठे हैं. राहुल गांधी करीब दस घंटे से धरने पर बैठे हैं. दूसरी तरफ उनकी मां और यूपीए कि अध्यक्ष सोनिया गांधी भी रायबरेली में हैं. यूपी कि मायावती सरकार के लिए ये दोहरी मुसीबत है.

कोई बयान नहीं

इधर यूपी सरकार ने किसी तरह का बयान देना मुनासिब नहीं समझा है. यूपी पुलिस ने ज़रूर कहा है कि राहुल ने सुरक्षा नियम तोड़े हैं. राहुल के भट्टा परसौल में दाखिल हो जाने के बाद यूपी सरकार ने वहां से धारा 144 हटा ली है. बुधवार की अल सुबह राहुल अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ मोटर बाइक पर सवार होकर इस गांव में पहुंच गए. इतनी सुबह उन्हें किसी पुलिस वाले ने रोक नहीं पाए. नींद से उठे गांव वाले अपने बीच राहुल गांधी को पा कर चौंक गए. फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजन राहुल गांधी के पास पहुंच गए. महिलाओं और परिजनों को सांत्वना देने के बाद उन्होंने मारे गए लोगों की अस्थियों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये. गांव वालों के साथ बातचीत के बाद राहुल ने उनके साथ धरना देने का फैसला किया.

Indien Yamuna Expressway Project
भूमि अधिग्रहण के विरोध में आंदोलनतस्वीर: UNI

प्रशासन बेहाल

राहुल के इस गांव पहुंचने और धरने पर बैठने कि खबर से ग्रेटर नॉएडा के प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. इलाके के एसडीएम उनके पास पहुंचे और बात करने कि कोशिश कि तो राहुल ने उनसे कहा कि वह उनकी मुख्यमंत्री से बात करना चाहते हैं. राहुल ने धरने के बाद मांग कि है कि किसानों कि मर्ज़ी के बिना उनकी जमीन का अधिग्रहण न किया जाए. अधिग्रहित भूमि का बाजार दर पर मूल्य दिया जाए और पुलिस फायरिंग की घटना की न्यायिक जांच की जाए साथ ही किसानों पर दर्ज मुक़दमे वापस लिए जाएं. राहुल बुधवार सुबह से ही भट्टा गांव में किसानों की चौपाल लगाए हुए हैं.

राहुल गांधी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को अधिग्रहण निजी फायदे के लिए नहीं करे. जेपी असोसिएट्स कंपनी उत्तर प्रदेश सरकार से जमीन ले रही है. जमीन का अधिग्रहण उत्तर प्रदेश सरकार कर रही है और फिर ये जमीनें जेपी असोसिएट्स को दी जाएंगी. सवाल यह है कि जेपी असोसिएट्स सीधे किसानों से जमीन क्यों नहीं ले रही है.

गौरतलब है कि पिछले पांच दिनों में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, रालोद अध्यक्ष अजित सिंह, सपा नेता शिवपाल सिंह समेत दर्जनों नेताओं को भट्टा परसौल जाते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है. बाद में इन सभी छोड़ दिया गया. राहुल गांधी भट्टा परसौल पहुंचने वाले पहले नेता हैं. भाजपा नेता प्रकश जावडेकर ने इसे बसपा और कांग्रेस कि मिलीभगत बताया है.

रिपोर्ट : सुहैल वहीद,लखनऊ

संपादनः आभा एम

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