उम्र कैद में बदली फांसी
१८ फ़रवरी २०१४चीफ जस्टिस पी सदाशिवम ने सरकार के इस नजरिए को खारिज कर दिया कि अपराधी दया के लायक नहीं थे. सरकार की ओर से दलील देते हुए अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती ने कहा कि अपराधियों की दया याचिका में 'एक भी शब्द पश्चाताप' का नहीं दिखा. अदालत ने देरी के लिए दी गई इस सरकारी दलील को खारिज कर दिया.
इससे पहले भी सर्वोच्च न्यायालय ने 15 दोषियों की मौत की सजा कम करते हुए कहा, फांसी देने में अत्यधिक और अस्पष्ट ढंग से देर होना सजा कम करने का कारण है. 15 में से तीन लिट्टे के सदस्य और राजीव गांधी की हत्या के षडयंत्र में शामिल होने के दोषी हैं.
मुरुगन, संथन और पेरारिवलन श्रीलंका के विद्रोही गुट लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (लिट्टे) से जुड़े हुए थे. उन्हें 1999 में भारतीय महिला नलिनी के साथ राजीव गांधी की हत्या करने के दोष में मौत की सजा सुनाई गई थी.
राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 21 मई 1991 के दिन चुनावी रैली को संबोधित करने गए थे, जहां वे आत्मघाती हमले का शिकार हुए.
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमने सरकार से मांग की थी कि वह दया याचिकाओं पर तय समय में फैसला ले." लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर पाई. दोषियों के वकील युग चौधरी ने इस फैसले को 'मानवीय' बताया है और उम्मीद जताई है कि एक दिन वह जेल से रिहा हो सकेंगे.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सरकार पर बढ़ते दबाव के तौर पर देख रहा है. संगठन को लगता है कि सरकार फांसी की सजा को ही खत्म कर दे. एमनेस्टी इंटरनेशनल की वरिष्ठ शोधकर्ता दिव्या अय्यर ने कहा, "भारत को अब मौत की सजा खत्म ही कर देनी चाहिए. ये सजा का एक क्रूर, असंगत और अपरिवर्तनीय तरीका है, जिसका कोई डराने वाला असर नहीं होता."
राजीव गांधी हत्याकांड के इन तीन दोषियों ने 2000 में राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी लेकिन इसे 2011 में खारिज कर दिया गया. इस के बाद मामला लटका रहा.
1987 में भारत सरकार ने श्रीलंका की सरकार के लिट्टे के सफाये के लिए समझौता किया था, जिसके तहत 80 के शुरुआती दशक में भारत ने श्रीलंका के सैनिकों को ट्रेनिंग और हथियार दिए थे. राजीव गांधी ने वहां शांति सेना के रूप में अपनी सेना भी भेजी. लिट्टे ने श्रीलंका में तैनात भारत के सैनिकों से संघर्ष किया. 32 महीने बाद भारत ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया. राजीव गांधी की हत्या को इस समझौते के प्रतिशोध के तौर पर देखा जाता है.
एएम/ओएसजे (एएफपी, डीपीए)