राजनीति का टेस्ट लैब थुरिंजिया
६ दिसम्बर २०१४अब रामेलोव मुख्यमंत्री हैं, भले ही बहुत छोटे बहुमत से, लेकिन हैं तो. रामोलोव ने पहली परीक्षा पास कर ली है, लेकिन गाउक-टेस्ट में वे पद संभालने से पहले ही पिछड़ गए थे. राष्ट्रपति गाउक वामपंथियों से अपनी सैद्धांतिक विरक्ति को छुपाते भी नहीं. चुनाव के बाद उन्होंने लेफ्ट पार्टी के बारे में कहा था, "एसईडी की सोच के बहुत करीब और भरोसे के लायक नहीं." बहुत से दूसरे जर्मन भी ऐसा ही सोचते हैं.
थुरिंजिया में एसपीडी के कुछ सदस्य लेफ्ट पार्टी से सहयोग के बारे में बहस से इतने आक्रोश में थे कि उन्हें अपने आंसू छुपाने में कोई शर्म नहीं आई. पूरब के अतीत वाले सोशल डेमोक्रैटों को इससे परेशानी है कि किस तरह एसईडी के बोझवाली पार्टी सामान्य सरकारी पार्टी बन रही है. पश्चिम में बहुत लोगों को इससे दिक्कत हुई. खासकर कंजरवेटिव धड़े में. बर्लिन दीवार गिरने के 25 साल बाद पुराने कम्युनिस्ट, जो मुश्किल से जीडीआर कानून न मानने वाला राज्य मानने को तैयार हुए हैं, फिर से राजनीति की पहली कतार में शामिल हो गए हैं. लेकिन जो लोग चांसलर अंगेला मैर्केल की कंजरवेटिव सीडीयू पार्टी के बायें की राजनीति के बारे में सोचते हैं, उन्हें खुशी होगी, खासकर एसपीडी में.
बर्लिन दीवार गिरने के 25 साल बाद भी लेफ्ट पार्टी के पूरबी जर्मनी में सम्मानजनक स्थिति है. उसकी सरकारी गठबंधनों में जरूरत है और नगरपालिकाओं में उसे लोगों की चिंता करने वाली पार्टी समझा जाता है. जिनके साथ बड़े हुए उन्हें सहारा देने की मानवीय प्रवृत्ति भी मतदाताओं में एसईडी के उत्तराधिकारियों की स्वीकृति की वजह है. देश के पूरब में लेफ्ट पार्टी राजनीतिक कारक है, व्यवस्था परिवर्तन ने उसे गिरा दिया है, उसे खत्म नहीं किया है.
अलग प्रकार के वामपंथी अब रामेलोव आए हैं. और उसकी वजह है. वे दिलचस्प हैं क्योंकि वे पूर्व जर्मन कम्युनिस्ट के खांचे में नहीं उतरते हैं. वे पश्चिम से आते हैं, इवांजेलिक ईसाई हैं और कंजरवेटिव राजनीतिज्ञ जैसी अर्थनीति के समर्थक हैं. वे हर वर्जना को तोड़ते हैं, लेकिन पूरब को समझने वाले नेता हैं. सालों तक जर्मनी की खुफिया सेवा की इस विद्रोही पर नजर थी जो 14 की उम्र में ही टाई बांधना सीख गया था. कैसी जर्मन कहानी है यह.
1989 की शांतिपूर्ण क्रांति के बच्चों पर अब एसईडी पार्टी के उत्तराधिकारी शासन करेंगे, यह बर्लिन दीवार के गिरने की 25वीं वर्षगांठ पर खासकर सीडीयू को परेशान कर रहा है. वे पूछ रहे हैं कि रामेलोव के लेप्ट में अभी कितना एसईडी बाकी है? थुरिंजिया में लेप्ट के विधायकों में फ्रांक कुशेल हैं जिन्हें जीडीआर की खुफिया सेवा का मददगार माना जाता है, या फिर जीडीआर की पुलिसकर्मी इना लॉयकेफेल्ड जो देश छोड़ने के इच्छुक लोगों के बारे में खुफिया सेवा को जानकारी देती थी. इस पृष्ठभूमि में एसपीडी लेफ्ट पार्टी का जूनियर पार्टी बनी है. यह इसलिए भी दिलचस्प है कि एसपीडी अपने को एसईडी का विरोधी समझती थी. कुछ लोगों के लिए रामोलोव के नेतृत्व में काम करना आसान नहीं, लेकिन यह मौका भी है.
प्रांत के छोटे स्तर पर राजनीतिक के परीक्षण किए जा सकते हैं. 1980 के दशक में हेस्से प्रांत में एसपीडी ग्रीन गठबंधन भी 1998 में श्रोएडर और फिशर एसपीडी ग्रीन सरकार का परीक्षण था. हालांकि एसपीडी में खुलकर कोई नहीं बोल रहा लेकिन यह सरकार एसपीडी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन से परे एक नया विकल्प खोल रही है.
एसपीडी और ग्रीन पार्टी मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हासिल नहीं कर रही है. एफडीपी पार्टी संसद से बाहर है और कमजोर है. एसपीडी सीडीयू के साथ महागठबंधन में सिर्फ जूनियर भूमिका निभा पा रही है. यदि वह 2017 में चांसलर पद हासिल करना चाहती है तो सिर्फ ग्रीन और लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन बनाकर संभव है. लेकिन यह विकल्प बहुत जोखिम भरा है. एसपीडी के सभी नेता इस विकल्प से सहमत नहीं हैं और ग्रीन पार्टी इस बीच सीडीयू के साथ भी गठबंधन के लिए तैयार है. थुरिंजिया की नई सरकार सिर्फ लेफ्ट के लिए ही टेस्ट का मौका नहीं यह एसपीडी के लिए भी परीक्षण का लैब है.