रमजानः त्याग का महीना
दुनिया भर में मुसलमानों के त्याग का महीना रमजान रोजे और इबादत का महीना माना जाता है. हाल के दिनों में इसका काफी व्यावसायीकरण भी हुआ है.
नमाज और रोजा
मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक पवित्र कुरान इसी महीने में नाजिल हुआ. इस महीने में इबादत की खास जगह है, जहां मुसाफिरों को भी नमाज पढ़ने की हिदायत है. जर्मनी के कई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इबादत के लिए जगह बनी है.
इफ्तार का वक्त
रोजे पूरे होने का वक्त तब होता है, जब सूरज डूबता है. रमजान इस्लामी कैलेंडर में नौवां महीना है. सूर्योदय से रोजा रखने के बाद शाम को सूर्यास्त होने के बाद ही इसे खोला जा सकता है.
परिवार का वक्त
शाम को एक साथ इफ्तार करने से पारिवारिक मजबूती आती है. रमजान का यह भी एक पक्ष है. छोटे बच्चे रोजा नहीं रखते. बीमार, बहुत बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को भी इससे छूट है. बोस्निया का यह परिवार एक साथ इफ्तार करता है.
बाजार की खूबसूरती
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाजार में शाम को ऐसी रौनक होती है. हालांकि रमजान के दौरान इफ्तार की चीजों की कीमतें दोगुनी बढ़ जाती हैं.
शॉपिंग का महीना
सिर्फ खाने पीने की ही चीजें नहीं, सजावट और दूसरी चीजों की बिक्री भी बढ़ जाती है क्योंकि रमजान के बाद ईद आती है और ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. यहां मोरक्को की एक दुकान.
जकात और खैरात
रमजान के दौरान दान का भी मौसम होता है. खैरात और जकात देने का सिलसिला चल पड़ता है. गरीबों को दान दिया जाता है. जकात यानी धर्मार्थ कुछ पैसे खर्च करना इस्लाम के पांच स्तंभों में एक है.
रोशनी का महीना
रमजान के महीने में चारों तरफ रोशनी दिखती है सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि घरों में भी. बहरीन में ऐसा ही एक नजारा. हालांकि रमजान के दौरान टीवी पर आ रहे महंगे प्रचार से कई लोग नाराज भी हैं.
रात में जश्न
दिन के वक्त रोजा होता है और कई देशों में ज्यादातर दुकानें बंद होती हैं. लेकिन सूरज डूबने के बाद दुकानों और शॉपिंग मॉलों में जबरदस्त भीड़ दिखाई देती है. ईरान में दिन में सिनेमाहॉल बंद रहते हैं लेकिन रात में देर तक खुले रहते हैं.
रमजान के बाद
पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद का महीना आता है, जिसे कई लोग मीठी ईद भी बोलते हैं. इस दिन सेवैयां और मीठे पकवान बनते हैं. जो लोग रिश्तेदारों और जानने वालों को खिलाते हैं.
मेहंदी की शाम
ईद से ठीक पहले वाली रात को चांद रात भी कहा जाता है. यह लड़कियों के लिए खास दिन होता है. जैसे कि पाकिस्तान की लड़कियां इस रात मेहंदी लगाना नहीं भूलतीं.