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यूरोप में टूटा गर्मी का वर्षों पुराना रिकॉर्ड

२६ जुलाई २०१९

यूरोप में इस साल गर्मी के वर्षों पुराने रिकॉर्ड टूट रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से ग्लोबल वार्मिंग के वजह से गर्मी बढ़ी है.

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Belgien Hitze in Antwerpen
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/V. Mayo

दुनिया में अपने ठंडे मौसम के लिए मशहूर यूरोप में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है. ठंडे मौसम में रहने के आदी लोग गर्मी से परेशान हो रहे हैं. गर्मी की वजह से ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है. कई ट्रेनें रद्द हो गई हैं तो कुछ देरी से चल रही हैं. ब्रिटेन,स्विट्जरलैंड, लक्जमबर्ग, जर्मनी, नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसे देशों में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. जर्मनी के मौसम विभाग के मुताबिक, "जर्मनी के उत्तर-पश्चिमी शहर लिंगन में 42.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक है.

पेरिस में भी तापमान रिकॉर्ड स्तर 42.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. गर्मी से निजात पाने के लिए पर्यटक और स्थानीय लोग फव्वारों का सहारा ले रहे हैं. स्थानीय प्रशासन और गैर सरकारी संगठन बेघर लोगों को पानी और सनस्क्रीन क्रीम बांटे गए. साथ ही आराम फरमाने और नहाने के लिए डे सेंटर भी खोले गए हैं.

भीषण गर्मी की वजह से फ्रांस में यात्राएं प्रभावित हो रही हैं. अधिकारियों ने लोगों को घर में रहने की सलाह दी है. फ्रांस के दक्षिण में स्थित एक गांव वेगारगे में सबसे अधिक 46 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. इससे पहले 2003 में देश के गेर्ख क्षेत्र में सबसे अधिक 44.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था.

ब्रिटेन में फिलहाल तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है. लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इस साल सबसे अधिक 38.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है. नीदरलैंड और बेल्जियम में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. बेल्जियम में 1833 के बाद से 25 जुलाई 2019 का दिन सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया. बेल्जियम के मौसम विज्ञान संस्थान के मुताबिक क्लाइने ब्रोगेल क्षेत्र में सबसे अधिक 40.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया.

नीदरलैंड्स में सरकारी स्वास्थ्य संस्थान ने एम्स्टर्डम और रॉटरडैम के शहरों में धुंध के लिए चेतावनी जारी की है. डच सरकार ने अपनी चेतावनी में कहा है कि धीमी हवा के चलते वायु की गुणवत्ता बेहद खराब होगी क्योंकि ऐसी स्थिति में हवा से प्रदूषित कण दूर नहीं हो सकेंगे. डच मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार पहले के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नीदरलैंड में तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इससे पहले 1944 की गर्मी में यह 38.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से ग्लोबल वार्मिंग के वजह से गर्मी बढ़ी है.

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आरआर/एए (एएफपी, रॉयटर्स)

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