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विवाद

युद्धग्रस्त देशों में बिलखते बच्चे

१३ फ़रवरी २०२०

सेव द चिल्ड्रन के मुताबिक युद्धग्रस्त इलाकों में बड़े हो रहे बच्चे पहले की तुलना में कहीं अधिक यौन शोषण और सशस्त्र समूहों में भर्ती होने के जोखिम का सामना कर रहे हैं. अफ्रीका में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

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Syrien | Militärischer Konflikt
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Bildfunk/A. Alkharboutli

गैर सरकारी संगठन सेव द चिल्ड्रन ने सरकारों से आग्रह किया है कि युद्ध और गंभीर हिंसा के प्रभावों से बच्चों को बचाने के लिए और अधिक कदम उठाएं. संगठन का कहना है कि युद्ध बच्चों के लिए खतरनाक होते जा रहे हैं. उसके मुताबिक बच्चों को मौत और चोट का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें सशस्त्र समूहों में भर्ती किया जा रहा है. उनका  यौन शोषण भी किया जा रहा है. सेव द चिल्ड्रन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंगर एशिंग ने एक बयान में कहा, "यह चौंका देने वाला है कि बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है और दुनिया देख रही है."

सेव द चिल्ड्रन की रिपोर्ट के मुताबिक, "2005 के बाद से कम से कम 95,000 बच्चों की मौत हुई है या फिर वे घायल हुए हैं. हजारों बच्चों का अपहरण हुआ है और अस्पतालों पर हमला कर लाखों बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित किया गया है." एशिंग का कहना है कि अगर अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कुछ नहीं किया जाता है और उन्हें सजा नहीं दी जाती है तो "बच्चों का जीवन बर्बाद" होता रहेगा.

Syrien, Maarat al-Numaan: Kinder am zweiten Tag des  Eid al-Fitr
कुछ ऐसे दिखते हैं सीरिया के कई शहरतस्वीर: picture-alliance/A. Alkarbotli

रिपोर्ट कहती है दुनियाभर के छह में से एक बच्चा, 2018 में संघर्ष क्षेत्र में रह रहा है. कुल मिलाकर यह संख्या 41 करोड़ 50 लाख है. यह आंकड़ा 1995 के मुकाबले दोगुना है. अफ्रीकी बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, करीब 17 करोड़ बच्चे संघर्ष झेल रहे इलाकों में रह रहे हैं, मध्य पूर्व में आघात का अनुपात अधिक है, जहां तीन में से एक बच्चा संघर्ष से घिरा हुआ है.

रिपोर्ट में उन देशों का भी जिक्र है जहां पर संघर्ष जारी है जैसे कि अफगानिस्तान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इराक और माली. अध्ययन में पहली बार लड़कों और लड़कियों के सामने आने वाले अलग-अलग खतरों का भी विश्लेषण किया गया. इस अध्ययन के मुताबिक, "लड़कियों के सामने यौन और लिंग आधारित हिंसा का जोखिम बहुत अधिक है, जिसमें जबरन विवाह भी शामिल है." साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि लड़के हत्या, अपंग करने, अपहरण और सशस्त्र संगठनों में भर्ती होने का जोखिम झेलते हैं.

एए/ओएसजे (एएफपी)

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