युद्ध अपराध के दोषी म्लादिच को ताउम्र कैद
२२ नवम्बर २०१७1995 में स्रेब्रेनित्सा के जनसंहार पर आखिरकार फैसला आ ही गया. संयुक्त राष्ट्र के यूगोस्लाव युद्ध अपराध ट्राइब्यूनल ने राट्को म्लादिच को मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध और जनसंहार का दोषी करार दिया. अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल के तीन जजों ने म्लादिच को ताउम्र कैद की सजा सुनाई.
म्लादिच को 11 में से 10 आरोपों का दोषी करार देते हुए जज अल्फोंस ओरी ने कहा, "इन अपराधों को अंजाम देने के लिए, चैम्बर रात्को म्लादिज को आजीवन कारावास की सजा देता है."
25 साल बाद भी परिवारों के अवशेष खोज रहे हैं बोस्नियाई
म्लादिच ने सभी 11 आरोपों से इनकार किया. म्लादिच ने युद्ध अपराध, जनसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों से इनकार किया. 1992 से 1995 तक चले बोस्निया युद्ध में 1,00,000 लोग मारे गए. 22 लाख लोग विस्थापित हुए. म्लादिच पर हत्या, उत्पीड़न, बलात्कार, विनाश और आतंकवाद के आरोप भी थे.
सुनवाई के दौरान यह साफ हो गया कि म्लादिच के आदेश पर ही सेना शर्मनाक अपराध किये. सेना ने तीन साल तक बोस्निया की राजधानी सारायेवो को भी एक तरह से बंधक बना कर रखा.
फैसला सुनाते वक्त 75 साल के म्लादिच बुरी तरह भड़क उठे. उसे कोर्ट से बाहर निकालना पड़ा. बचाव पक्ष ने म्लादिच के बढ़ते ब्लड प्रेशर का हवाला देकर फैसले की प्रक्रिया को लंबा खींचने की कोशिश की. म्लादिच के वकील ने फैसले के खिलाफ अपील करने का एलान किया है.
स्रेब्रेनित्सा जनसंहार था
चैम्बर ने करीब 8,000 बोस्नियाई मुसलमान पुरुषों की हत्या को जनसंहार करार दिया. मृतकों में हजारों बच्चे भी शामिल थे. इन हत्याओं को होलोकॉस्ट के बाद यूरोप का सबसे बर्बर जनसंहार कहा जाता है.
सरायेवो में युद्ध के दर्द का म्यूजियम
अभियोजन पक्ष के मुताबिक म्लादिच और रादोवान कारादजिक बोस्नियाई मुस्लमानों और बोस्नियाई क्रोएट्स की पूरी नस्ल खत्म करना चाहते थे. जनसंहार को जातीय सफाया भी कहा जाता है.
ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी, डीपीए)