मैनयू के कोच की छुट्टी
२२ अप्रैल २०१४मोयेस की विदाई भी बहुत सादी हुई. क्लब ने बस एक ट्वीट कर कह दिया कि उन्होंने क्लब छोड़ दिया है, "मैनचेस्टर यूनाइटेड एलान करता है कि डेविड मोयेस ने क्लब छोड़ दिया है". ट्वीट में कहा गया कि क्लब जोर देकर कहना चाहता है कि उनकी सेवाओं और कड़ी मेहनत के लिए वह उनका शुक्रगुजार है.
जब क्लब के साथ 26 साल जुड़े रहने के बाद एलेक्स फर्गुसन ने पिछली जुलाई में मैनयू का साथ छोड़ा, तो उन्होंने निजी तौर पर मोयेस की सिफारिश की थी. तब मोयेस 11 महीने से एवरटन के कोच हुआ करते थे. मोयेस न तो फर्गुसन की उम्मीदों पर खरे उतरे और न ही लाल जर्सी वाली मैनचेस्टर यूनाइटेड के. टीम बुरी तरह फेल हो गई और खिलाड़ियों में जबरदस्त असंतोष फैल गया.
फर्गुसन की देख रेख में टीम ने 13 बार इंग्लिश प्रीमियर लीग पर कब्जा किया था, लेकिन इस सीजन में वह सातवें नंबर पर है और उम्मीद भी नहीं दिख रही है कि वह पहले तीन में जगह बना पाएगा. यानि अगली बार वह दुनिया के सबसे बड़े लीग मुकाबले चैंपियंस लीग में नहीं खेल पाएगा. स्कॉटलैंड के मोयेस को इसका भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
मोयेस की देख रेख में मैनयू की टीम इस साल चैंपियंस लीग के क्वार्टर फाइनल तक जगह बना पाई लेकिन वहां उसे बायर्न म्यूनिख की टीम से हार का मुंह देखना पड़ा. अब चर्चा है कि बायर्न के पूर्व कोच नीदरलैंड्स के लुई फान खाल मैनचेस्टर यूनाइटेड में डेविड मोयेस की जगह ले सकते हैं. फान खाल फिलहाल नीदरलैंड्स की टीम को मैनेज कर रहे हैं.
पिछले छह महीने में मैनचेस्टर यूनाइटेड 10 अहम मैच हार चुका है और फर्गुसन की विदाई के बाद ये नतीजे टीम और प्रशंसकों के गले नहीं उतर रहे हैं. सबसे बड़ा नुकसान पिछले रविवार को हुआ, जब टीम एवरटन से हार गई और उसके बाद तय हो गया कि 20 साल बाद पहली बार वह चैंपियंस लीग में नहीं खेल पाएगी.
डेढ़ महीने में फुटबॉल वर्ल्ड कप शुरू होने वाला है और कोई भी राष्ट्रीय कोच उससे पहले अपनी टीम छोड़ कर किसी क्लब से नहीं जुड़ना चाहेगा. टीम के महान खिलाड़ी रायन गिग्स फिलहाल टीम की कोचिंग का जिम्मा अंतरिम तौर पर संभालेंगे.
एजेए/एमजे (एएफपी, डीपीए, एपी)