मैग्नीशियम की कमी को पहचानें
ज्यादातर लोग मैग्नीशियम की कमी का शिकार होते हैं. लंबे वक्त तक मैग्नीशियम की कमी के चलते शरीर बुरी तरह बीमार हो जाता है. तो कैसे पहचानें मैग्नीशियम की कमी, जानिए.
नस चढ़ना
मैग्नीशियम की कमी का सबसे साफ संकेत है नसों का चढ़ना, टांग या पैरों की पिंडलियों में मरोड़े पड़ना. मैग्नीशियम की कमी से नसें सख्त होने लगती हैं और मांसपेशियों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है. इसकी का नतीजा है कि नसें चढ़ने लगती हैं.
नींद में बाधा
मैग्नीशियम की कमी होने से अच्छी नींद भी नहीं आती. मैग्नीशियम शरीर और मस्तिष्क को आराम देने में बड़ी भूमिका निभाता है, इसकी कमी होते ही नींद डिस्टर्ब होने लगती है.
हमेशा थकान रहना
मैग्नीशियम के बिना कोशिकाओं को एटीपी (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) ऊर्जा नहीं मिल पाती. आसान शब्दों में कहें तो मैग्नीशियम के बिना कोशिकाएं भूखी रह जाती हैं. इसी वजह से थकान, ऊर्जा का स्तर कम रहना और दूसरी समस्याएं सामने आती हैं.
हड्डी संबंधी रोग
धूप से इंसान को विटामिन डी मिलता है, लेकिन मैग्नीशियम के बिना कोशिकाएं विटामिन डी को नहीं सोख सकतीं. इस पूरी प्रक्रिया का असर हड्डियों पर भी पड़ता है.
ब्लड प्रेशर
70,000 लोगों पर रिसर्च करने के बाद हार्वर्ड यूनिवसिर्टी के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि जिन लोगों के शरीर में मैग्नीशियम की ज्यादा मात्रा होती है, उनका ब्लड प्रेशर काफी नॉर्मल रहता है. मैग्नीशियम बीपी कंट्रोल करने में मदद करता है.
कई फायदे
शरीर में मैग्नीशियम के संतुलित स्तर से हार्ट अटैक, गठिया और किडनी स्टोन का खतरा भी कम हो जाता है. गर्भावस्था में भी मैग्नीशियम कई शारीरिक परेशानियों से बचाता है.
कैसे मिलता हैं मैग्नीशियम
पालक, दही, दूध, बादाम, अंजीर, डार्क चॉकलेट, केले और कद्दू के बीजों में काफी मैग्नीशियम होता है. इसीलिए जरूरी है कि इन चीजों को नियमित आहार में शामिल किया जाए. बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने वालों को अलग से मैग्नीशियम लेने की जरूरत भी पड़ सकती है.