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मैंने वोट खरीदने का अधिकार नहीं दियाः पीएम

१८ मार्च २०११

2008 में विश्वास मत के लिए चार सांसदों को 10-10 करोड़ रुपए दिए जाने के विकिलीक्स के खुलासे के बाद शुक्रवार को फिर राज्य सभा में हंगामा हुआ. उधर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, वोट खरीदने के लिए किसी को अधिकार नहीं दिया.

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तस्वीर: Fotoagentur UNI

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को विकिलीक्स द्वारा लीक गोपनीय दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर शंका जाहिर की और जोर दिया कि उन्होंने किसी को भी वोट खरीदने का अधिकार नहीं दिया और वह खुद भी इस तरह के लेन देन में शामिल नहीं थे.

मनमोहन सिंह ने कहा, "मुझे लगता है कि जो लोग इससे प्रभावित हुए हैं उन्होंने पहले ही टिप्पणी दी है और इन दस्तावेजों के आधार पर लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए हैं."

विकिलीक्स के दस्तावेजों में खुलासा किया गया कि 2008 के दौरान हुए विश्वास मत में यूपीए सरकार ने चार सांसदों को कुल 50 करोड़ रूपए में खरीदा. प्रधानमंत्री ने इंडिया टुडे समिट में इस पर सफाई देते हुए कहा, "मुझे इस तरह की खरीद फरोख्त के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं बिलकुल स्पष्ट हूं, मैंने वोट खरीदने के लिए किसी को अधिकृत नहीं किया. मुझे वोट खरीदने के बारे में कुछ नहीं मालूम. मैं पूरे विश्वास के साथ यह कह सकता हूं, मैं इस लेन देन में किसी भी तरह से शामिल नहीं था."

हालांकि प्रधानमंत्री की सफाई से यह साफ नहीं हुआ कि क्या 22 जुलाई 2008 को विश्वास मत के लिए इस तरह की खरीद फरोख्त हुई थी या नहीं.

"जहां तक हाल के दिनों की घटनाओं का सवाल है और विकिलीक्स का सवाल है. मैं टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. मैं इस पर भी टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा कि हम आने वाले दिनों में क्या करने वाले हैं. यह ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संसद में बहस होगी. अगर मुझे कुछ कहना है तो पहले मैं संसद में कहूंगा."

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

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