मेज पर लड़ाई नहीं
इस्राएली और फलीस्तीनी, दोनों येरुशलम को राजधानी मानते हैं. यहां का माहौल तनाव से भरा है लेकिन फिर भी खाने के मामले में लोग झगड़े भूल जाते हैं.
पेट पूजा
पश्चिमी येरुशलम के मुख्य बाजार में अजूरा रेस्त्रां का नजारा. मोशे श्रेफलर अपनी छोटी सी रसोई में दाल पका रहे हैं. यहां इराकी लोग आते हैं.
हर दर्द की दवा
मीट स्टू के लिए गोश्त को दो दिन मिर्च के सालन में पकाया जाता है. यह केवल मंगलवार को मिलती है और इसे खाने के लिए लंबी कतार में खड़ा होना पड़ता है. यह इराकी और इस्राएली पारंपरिक खाने का हिस्सा है.
गर्मागर्म हो जाए
मिट्टी के तेल पर रखे जाने वाले ये बर्तन प्टीलियोट कहलाते हैं और सारे पारंपरिक यहूदी रेस्त्रां में मिलते हैं. खानसामों का मानना है कि पुराने बर्तनों में पकाया गया खाना ज्यादा लजीज होता है.
पारंपरिक खाना
पुराने शहर में कोस्ता रेस्त्रां. यहां कबूतर में जायफल में पके चावल भरे जाते हैं. फलिस्तीन का यह पकवान शलगम के अचार, सलाद, तिल की चटनी तहीना और पके छोले से बने हुमुस के साथ खाया जाता है.
रसोई से बड़ा नाम
कोस्ता के मालिक फरीद हरूबी ने ग्रीस के एक कुक से कबूतर बनाना सीखा. इसे वह पास्त्रामी, यानी मीट से बने एक डिश के साथ ग्राहकों को पेश करते हैं.
खुली रसोई
असफ ग्रनीत दो और लोगों के साथ मचनेयुदा चलाते हैं. इसकी रसोई को ग्राहक देख सकते हैं और पश्चिम येरुशलम का यह एक ऐसा रेस्त्रां है जहां कोशर यानी यहूदी धार्मिक नियमों वाले कोशर खाने से अलग खाना भी मिलता है.
ताजा और लजीज
मचाने यहूदा रेस्त्रां इसी नाम के बाजार में है. शेफ यहां ताजी सब्जियों और मीट से प्रेरणा लेते हैं. यहां कच्ची मछली के सलाद को स्ट्रॉबेरी के साथ पेश किया जा रहा है.
हुमुस का कारनामा
ईदकेदिक रेस्त्रां का नजारा. शेफ वफा इशाद ईदकेदिक वाला पके छोले पीस रहे हैं. इससे स्वाद आता है और पैसे कम लगते हैं. इस्राएली अकसर मिक्सी का इस्तेमाल करते हैं.
सबका भगवान है पेट
येरुशलम के मुख्य बाजार में सामान खरीदने और बेचने वालों की कमी नहीं. सब जगह सब्जियों के खाली डिब्बे दिखते हैं.
अमृतरस
पुराने शहर में ऐसे रेस्त्रां हैं जहां आराम से बैठकर खाना खाया जाता है. इस फलीस्तीनी रेस्त्रां में सलाद के साथ साथ अनार का ताजा जूस भी मिलता है.
यहां संघर्ष का नाम नहीं
एक रेस्त्रां के बाहर कुछ बुजुर्ग खेल रहे हैं और साथ ही काली कॉफी पी रहे हैं.