मेक्सिको ने फ्रांस को हराकर संकट में डाला
१८ जून २०१०कप्तान और स्टार खिलाड़ी थिएरी ऑनरी की गैरमौजूदगी में एवारा ने फ्रांसीसी टीम की कमान संभाली और सबसे भारी गलती की. साथी खिलाड़ियों के साथ टीम के डिफेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे एवारा नाकाम साबित हुए. मेक्सिको के युवा खिलाड़ियों ने लगातार उन पर दवाब बनाए रखा. पहले हाफ के बाद यह दबाव धक्का मुक्की और फाउल में तब्दील हो गया.
एवारा लगातार मेक्सिको के खिलाड़ियों के साथ धक्का मुक्की करते नजर आए. लेकिन इसके बावजूद फ्रांसीसी टीम मेक्सिको के स्ट्राइकरों को रोक नहीं पाई. पहला गोल 64वें मिनट में पड़ा. डिफेंस को धता बताकर जेवियर हर्नांडेज ने अकेले गोलकीपर को छकाया और गेंद जाली में डाल दी.
फ्रांस ने गोल उतारने की बहुत कोशिश की लेकिन रिबेरी जैसे स्ट्राइकरों के साथ खेल रही टीम मेक्सिको की रक्षापंक्ति को भेद नहीं पाई. मेक्सिको के गोल पोस्ट के सामने फ्रांसीसी खिलाड़ी अकेले और उलझे हुए दिखाई पड़े. ऐसी स्थिति में कई बार मेक्सिको ने जवाबी हमला किया और फ्रांस की सांसें फुला दी.
77वें मिनट में भी ऐसा ही हुआ. सात नंबर की जर्सी पहनकर खेल रहे मेक्सिकन खिलाड़ी बरेरा ने फ्रांस के किले में सेंध लगाई. गेंद लेकर वह गोल पोस्ट के करीब पहुचें ही थे कि फ्रांसीसी कप्तान ने मैदान पर रघड़ खाते हुए उन्हें लगड़ी मार दी. साफ तौर से देखे गए इस फाउल की वजह से मेक्सिको को पेनल्टी मिली और सीनियर खिलाड़ी ने ब्लांको ने बेहतरीन गोल दागा. स्कोर 2-0 होते फ्रांस की बची खुची उम्मीदें भी टूट गई.
पहले मैच में ड्रॉ और दूसरे में हार देखने बाद अब फ्रांसीसी टीम के सामने वर्ल्ड कप से बोरिया बिस्तर बांधने का वक्त आ गया है. 2006 वर्ल्ड कप की उपविजेता टीम ग्रुप ए में उरुग्वे और मेक्सिको से नीचे आ गई है. पहले दौर में टीम का आखिरी मुकाबला अब दक्षिण अफ्रीका से होना है. वहीं उरुग्वे को मेक्सिको से भिड़ना है. अगर फ्रांस दक्षिण अफ्रीका को हरा भी देता है तो भी उसे उरुग्वे और मेक्सिको के बीच एक टीम की बड़ी हार के लिए प्रार्थना करनी होगी. वरना फ्रांसीसी फुटबॉलरों के लिए वर्ल्ड कप दर्शकदीर्घा में बैठकर देखने वाला टूर्नामेंट बन जाएगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एम गोपालकृष्णन