मुंबई में पत्रकार की हत्या का विरोध
१३ जून २०११सैकड़ों की संख्या में पत्रकार मुंबई की सड़कों पर अपने साथी की हत्या के खिलाफ उतरे. पत्रकारों की मांग है कि मिड-डे अखबार के पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या की जांच सीबीआई से कराई जाए. ज्योतिर्मय जे डे के नाम से मशहूर थे. पत्रकारों ने अपने साथी की तस्वीरों के साथ मंत्रालय तक विरोध मार्च किया. उनकी मांग है कि डे की हत्या के आरोपियों को जल्द पकड़ा जाए. ज्योतिर्मय डे मिड-डे अखबार में खोजी पत्रकारिता विभाग के संपादक थे. मुंबई में अंडरवर्ल्ड के खिलाफ डे ने काफी कुछ लिखा है.
सुरक्षित नहीं पत्रकार
शनिवार को अज्ञात बदमाशों ने जे डे को उनके ही घर के सामने दिन दहाड़े गोली मार दी थी. दो मोटरसाइकिल पर सवार 4 हथियारबंद बदमाशों ने डे को नजदीक से चार गोलियां मारीं और फरार हो गए. डे को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. हत्या के सिलसिले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. लेकिन पुलिस हत्या के पीछे तेल माफिया पर भी शक जता रही है. जे डे ने उन क्रिमिनल गैंग के खिलाफ काफी रिपोर्ट लिखी है जो टैंकरों से तेल चुराकर पेट्रोल में मिलाकर बाजार में ऊंचे दामों पर बेचते हैं.
सीबीआई जांच की मांग
विरोध में शामिल पत्रकार जतिन देसाई का कहना है, "हम चाहते हैं कि केस की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराई जाए. हमें स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है." देसाई के मुताबिक हाल के सालों में राज्य के 125 पत्रकारों को धमकी दिए गए या हमले हुए हैं. आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है. स्थानीय मीडिया सीबीआई जांच की मांग को लेकर लोकल मीडिया बॉम्बे हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाने के बारे में सोच रही है. मिडे-डे ने रविवार को बताया कि डे मुंबई में पिछले 22 सालों से अपराध जगत को कवर कर रहे थे. डे ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स के लिए भी काम किया है. अंडरवर्ल्ड पर डे की लिखी दो किताबें भी छप चुकी हैं.
रिपोर्टः एएफपी/आमिर अंसारी
संपादनः ए जमाल