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मिस्र में फिर अशांति, 35 की मौत

२१ नवम्बर २०११

मिस्र की राजधानी काहिरा के तहरीर चौक पर सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच तीसरे दिन भी झड़पें जारी हैं. ताजा झड़पों में अब तक कम से कम 35 लोग मारे गए हैं. लोग सेना के प्रस्तावित संविधान पर भड़के हुए हैं.

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तस्वीर: dapd

शनिवार को शुरू हुए आम लोगों के प्रदर्शन में सोमवार सुबह भी जस के तस रहे. क्रांति और बदलाव की निशानी बन चुके तहरीर चौक पर सैन्य शासन के खिलाफ सैकड़ों लोग डटे हुए हैं. दरअसल प्रदर्शनकारी शनिवार से ही चौक पर थे. चेतावनी के बाद रविवार शाम सेना ने आक्रमक कार्रवाई की और लोगों को चौक से खदेड़ दिया. लेकिन प्रदर्शनकारी घंटे भर के भीतर फिर लौट आए और प्रदर्शन जारी हैं.

पुलिस की सख्ती

रिपोर्टों के मुताबिक शनिवार सुबह से अब तक झड़पों में 35 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,500 से ज्यादा घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सेना आंसू गैस, रबर की गोलियों और शॉटगन का इस्तेमाल कर रही है. पुलिस ने फायरिंग की रिपोर्टों को खारिज किया है. वहीं पुलिस के मुताबिक रात में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और पेट्रोल बम भी फेंके.

Unruhen in Kairo Ägypten
तस्वीर: dapd

काहिरा के अलावा रविवार को मिस्र के अन्य बड़े शहरों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. अलेक्जेंडरिया, स्वेज और असवान में भी लोग सड़कों पर उतर रहे हैं.

आम लोगों के ऐसे ही प्रदर्शन के चलते इसी साल 11 फरवरी में राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. 30 साल तक राज करने वाले मुबारक के सत्ता से हटने के बाद सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ली. सेना ने वादा किया कि देश में जल्द चुनाव होंगे और लोकतंत्र की बहाली होगी.

सेना शासन पर शक

विपक्ष का आरोप है कि सेना लोकतंत्र की बहाली के बजाय अपने राज को लंबा खींचने की कोशिश कर रही है. देश में अगले हफ्ते संसदीय चुनाव हैं. प्रदर्शनकारियों को आशंका है कि सेना की सुप्रीम काउंसिल किसी न किसी तरह सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाह रही है. उनके मुताबिक सैन्य अधिकारी ऐसा संविधान बनाने में लगे है जो नई सरकार चुने जाने के बावजूद सेना को बहुत ज्यादा अधिकार देगा.

Ägypten / Kairo / Tahrir / Demonstration
तस्वीर: dapd

सैन्य काउंसिल ने इसी महीने की शुरुआत में प्रस्तावित संविधान के मसौदे के लिए कई बातें तय कीं. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सेना आम निगरानी से अलग रहेगी. काउंसिल की अगुआई सैन्य अधिकारी फील्ड मार्शल मोहम्मद तनतावी कर रहे हैं, तनतावी मुबारक के करीबी माने जाते हैं. मुबारक के कार्यकाल के दौरान वह रक्षा मंत्री के साथ साथ देश के उप प्रधानमंत्री भी नियुक्त किए गए. आरोप लगते हैं कि तनतावी बदलाव के खिलाफ सख्त रुख अपनाने वाले सैन्य अधिकारी हैं.

इस बीच सेना ने कहा है कि चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे. संसदीय चुनाव 28 नवंबर को शुरू होने है. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने में तीन महीने का वक्त लगेगा.

रिपोर्ट: एएफपी, डीपीए/ओ सिंह

संपादन: वी कुमार

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