मालदीव पर दुनिया की नजरें
१५ फ़रवरी २०१३विद्रोह के बाद पिछले साल सत्ता छोड़ने वाले और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रमुखता से आवाज उठाने वाले मुहम्मद नशीद ने गिरफ्तारी के डर से भारतीय दूतावास में शरण ले ली है. इस घटनाक्रम के बाद छोटा सा द्वीपसमूह मालदीव एक बार फिर दुनिया भर की नजरों में है. जलवायु परिवर्तन से बुरी तरह प्रभावित मालदीव साल भर से राजनीतिक संकट से जूझ रहा है.
अमेरिका की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा, "हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे शांत रहें, हिंसा में शामिल न हों और ऐसी कार्रवाई न करें, जिससे तनाव बढ़ सकता है."
संयुक्त राष्ट्र ने भी ऐसा ही बयान दिया है. महासचिव बान की मून ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है "ताकि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए माहौल" बनाया जा सके.
सागर के जलस्तर बढ़ने के साथ धीरे धीरे डूबते देश मालदीव के पहले लोकतांत्रिक राष्ट्रपति नशीद को अदालत में पेश होना था. ऐसा नहीं कर पाने के बाद गिरफ्तारी के डर से वह बुधवार को भारतीय दूतावास में पहुंच गए. कुछ दिनों पहले विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज ने भी लंदन में ऐसा ही किया था, जब वह इक्वाडोर के दूतावास में चले गए. वे अभी भी वहीं हैं.
नशीद पर आरोप है कि राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने सत्ता का गलत इस्तेमाल किया, जबकि उनका कहना है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. नशीद का दावा है कि अगर उन्हें इस तरह के मामलों में दोषी साबित कर दिया जाएगा, तो फिर उनकी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रैटिक पार्टी को सितंबर के चुनाव में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.
यूएन महासचिव बान ने कहा, "सात सितंबर वाले राष्ट्रपति चुनाव में शमिल सभी पार्टियों को संविधान के मुताबिक अपने पसंद का उम्मीदवार खड़ा करने की छूट होनी चाहिए."
अमेरिका ने बार बार कहा है कि चुनावों में निष्पक्षता होनी चाहिए. बान की ही तरह नूलैंड ने कहा, "सभी पार्टियों के पास इस बात का अधिकार होना चाहिए कि वे अपने पसंद वाले उम्मीदवार को चुनाव में आगे कर सकें."
पिछले साल कई हफ्तों तक सरकार विरोधी प्रदर्शन के बाद पुलिस ने विद्रोह कर दिया था. इसके बाद नशीद को इस्तीफा देना पड़ा. करीब सिर्फ तीन लाख की आबादी वाला मालदीव अपने खूबसूरत रिसॉर्ट और होटलों के लिए जाना जाता है. इसे दुनिया के प्रमुख हनीमून केंद्रों में गिना जाता है.
अमेरिका के साथ नशीद के अच्छे रिश्ते रहे हैं और वह बार बार वहां का दौरा करते रहे हैं. लेकिन जब अमेरिका ने उनके बाद राष्ट्रपति बने मुहम्मद वहीद के साथ मिल कर काम करने और नशीद को वहीद के साथ सुलह करने की सलाह दी, तो नशीद ने अमेरिका विरोधी बयान भी दिए.
बाद में राष्ट्रसंघ के सहयोग से हुए एक जांच में तय पाया गया कि नशीद को सत्ता से हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है. नशीद ने इस जांच को स्वीकार कर लिया है.
मालदीव सरकार का कहना है कि नशीद चाहें तो भारतीय दूतावास से बाहर निकल सकते हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा क्योंकि गिरफ्तारी वारंट की मियाद निकल चुकी है.
एजेए/ओएसजे (एएफपी)