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मारियोपोल की फैक्ट्री पर हमला नहीं करेगा घेरा डालेगा रूस

२१ अप्रैल २०२२

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मारियोपोल के स्टील प्लांट पर रूसी सैनिकों के हमले की योजना छोड़ दी है. यूक्रेनी सैनिकों का दल यहीं पर डटा हुआ है. मारियोपाल के ज्यादातर हिस्से रूसी सैनिकों के नियंत्रण में हैं.

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अजोव्स्ताल की स्टील फैक्ट्री पर हमले के बाद उठता धुआं
अजोव्स्ताल की स्टील फैक्ट्री पर हमले के बाद उठता धुआंतस्वीर: MARIUPOL CITY COUNCIL/REUTERS

गुरुवार सुबह पुतिन को रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने बताया कि स्टील प्लांट को छोड़ दक्षिण पूर्वी यूक्रेन का शहर मारियोपोल रूसी सैनिकों के नियंत्रण में है. शोइगु ने रूसी राष्ट्रपति के साथ बैठक में बताया, "बाकी बची यूक्रेनी युद्धक टुकड़ियों ने अपने आप को अजोव्स्ताल फैक्ट्री के औद्योगिक क्षेत्र में सीमित कर लिया है." रूसी राष्ट्रपति के साथ उनकी यह बैठक टीवी पर भी प्रसारित की गई. शोइगु के मुताबिक यूक्रेनी सैनिकों को पूरी तरह घेर लिया गया है. रक्षामंत्री ने तो यहां तक कहा कि अगले तीन से चार दिनों में फैक्ट्री पर भी नियंत्रण कर लिया जायेगा.

हमला नहीं घेराबंदी होगी

पुतिन का कहना है कि वो फैक्ट्री पर हमले के पिछले आदेश को वापस ले रहे हैं क्योंकि इसमें रूसी सेना को जो नुकसान होगा उसकी कोई जरूरत नहीं है. पुतिन ने कहा, "औद्योगिक इलाके में जमीन के भीतर रेंगने या फिर कब्रगाहों पर चलने की कोई जरूरत नहीं है. इस पूरे औद्योगिक क्षेत्र की ऐसी घेराबंदी कर दी जाए कि एक मक्खी भी ना तो वहां से निकल सके ना अंदर जा सके."

रक्षा मंत्री ने पुतिन को यह भी बताया कि रूस ने जिन मानवीय गलियारों को बनाया था उनसे होकर कोई भी नहीं निकला. इससे पहले यूक्रेन ने फैक्ट्री में मौजूद सुरक्षा बलों और आम लोगों को वहां से बाहर निकालने के बारे में बातचीत का प्रस्ताव दिया था.

अजोव्स्ताल की फैक्ट्री लगभग 11 वर्ग किलोमीटर में फैली है
अजोव्स्ताल की फैक्ट्री लगभग 11 वर्ग किलोमीटर में फैली हैतस्वीर: Alexander Ermochenko/REUTERS

यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने गुरुवार को रूसी सेना से स्टील फैक्ट्री में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए मानव गलियारे की मांग की है.

रूस के मुताबिक वहां करीब ढाई हजार यूक्रेनी और विदेशी लड़ाके हैं. हालांकि यूक्रेन का कहना है कि फैक्ट्री में एक हजार आम लोग और पांच सौ सैनिक हैं.

पुतिन ने शोइगु को मारियोपोल में सफल अभियान के लिए बधाई दी और कहा कि वह उनका संदेश सैनिकों तक भी पहुंचा दें.

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निशाने पर मारियोपोल

24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद से ही मारियोपोल रूसी सैनिकों के निशाने पर है. हवाई हमलों, रॉकेटों और तोप के गोलों ने लगभग पूरे शहर को मलबे का ढेर बना दिया है. यह क्राइमिया और रूस समर्थित अलगाववादियों वाले डोनबास इलाके के बीच में है. अजोव सागर के तट पर बसे इस शहर की रणनीतिक रूप से काफी अहमियत है.

रूसी सैनिको ने पूरी घेराबंदी कर रखी है
रूसी सैनिको ने पूरी घेराबंदी कर रखी हैतस्वीर: ALEXANDER ERMOCHENKO/REUTERS

जंग शुरू होने से पहले यहां चार लाख से ज्यादा लोग रहते थे इनमें से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में आम लोग बाहर जा चुके हैं. हालांकि अब भी यहां बहुत से लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है. यू्क्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने बताया है कि बुधवार को मारियोपोल से केवल चार बसें ही आम लोगों को लेकर निकल सकीं. टेलिग्राम पर उन्होंने कहा है कि मारियोपोल में फंसे बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को निकालने के लिए गुरुवार को भी प्रयास जारी रहेंगे.

पूर्वी इलाकों में भारी गोलाबारी

यूक्रेन की राजधानी कीव से पीछे हटने के बाद रूस ने अपने हमलों का ध्यान पूर्वी यूक्रेन पर लगाया है . यूक्रेन की सेना का कहना है कि उसने पिछले 24 घंटों में डोनबास इलाके में रूसी सेना के 9 हमलों को नाकाम कर दिया. इस दौरान एक टैंक, 10 हथियारबंद टुकड़ियां, दो गाड़ियां, एक आर्टिलरी सिस्टम, दो स्पेशल इंजीनियरिंग यूनिट, एक एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम और एक गोला-बारूद के डिपो को ध्वस्त कर दिया गया. सेना का यह भी कहना है कि रूसी सेना पूरे यूक्रेन में आम लोगों के घरों और बुनियादी ढांचे पर लगातार हमले कर रही है.

लुहांस्क इलाके के गवर्नर शेरही हाइदाइ ने सोशल मीडिया पर बताया है कि पूर्वी शहर सिवियरोदोनेत्स्क के सभी फूड स्टोर रूसी हमले में ध्वस्त हो गए हैं. हाइदाइ का कहना है, "सीवियरोदोनेत्स्क में एक भी स्टोर सही सलामत नहीं है." यहां के निवासियों को अब सिर्फ राहत एजेंसियों की सप्लाई से मिलने वाले खाने पर ही गुजारा करना पड़ रहा है.

मलबे का ढेर बन गया है मारियोपोल
मलबे का ढेर बन गया है मारियोपोलतस्वीर: Sergei Bobylev/ITAR-TASS/IMAGO

हाइदाइ का कहना है कि क्रेमिन्ना पर कब्जे के बाद रूसी सेना रूबिझने और पोपासना पर हमले कर रही है. उन्होंने वहां रहने वाले आम लोगों से तुरंत बाहर निकलने का अनुरोध किया है. डोनबास के दोनेत्स्क इलाके में भी भारी गोलाबारी चल रही है, खासतौर से मारियोपोल के आरपास के इलाकों में. 

इसके अलावा रूबिझने और नोवोद्रुझेस्क में भी कई घर टूट गये हैं. दोनों शहरों में कड़ा युद्ध चल रहा है. लुहांस्क के गवर्नर का कहना है कि रूसी सेना का अब इलाके के 80 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण है. लुहांस्क और दोनेत्स्क को मिला कर डोनबास का इलाका बनता है. यहां कब्जे के रूस ने भारी सैन्य अभियान छेड़ा है. रूसी हमले के पहले यूक्रेन सरकार का लुहांस्क के 60 फीसदी इलाके पर नियंत्रण था.

तहखानों में जिंदगी

यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर भी कई हमले हुए हैं और इसके कुछ हिस्से को रूसी सेना ने घेर लिया है. उत्तर पूर्वी खारकीव में कम से कम दो बहुमंजिली इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. इसके अलावा रूसी सैनिकों के किये धमाकों और तोप के गोलों से कई कारों में भी आग लग गई. इन इलाकों के लोग लगातार फायरिंग का सामना कर रहे हैं. इलाके के सैन्य प्रशासन ने फेसबुक पोस्ट में यह जानकारी दी है.

रूसी बमों और मिसाइलों से बचने के लिए मेट्रो स्टेशन का सहारा
रूसी बमों और मिसाइलों से बचने के लिए मेट्रो स्टेशन का सहारातस्वीर: Alkis Konstantinidis/REUTERS

खारकीव में बहुत से लोग गोलीबारी से बचने के लिए कई हफ्तों से तहखानों में रह रहे हैं. उनके पास ना तो पानी, गैस और बिजली की सप्लाई है ना ही कोई और सुविधा. ये लोग बारिश का पानी जमा कर खुले में आग जला कर खाना बनाते हैं. मकानों के मलबे से निकली लकड़ियों से ईंधन का काम लिया जा रहा है.

इसी तरह साल्तिवका में कुछ लोगों ने स्कूल के तहखाने में शरण ली है. यहां ये लोग स्कूल की बेंच, कुर्सी, और मेज से बिस्तर बना रहे हैं. शुरूआत में तो यहां 300 से ज्यादा लोग थे लेकिन अब कुछ ही दर्जन बचे हैं और बाकी सुरक्षित ठिकानों पर चले गये हैं. राहत एजेंसियों के कार्यकर्ता इन्हें कुछ कुछ खाने का सामान दे जाते हैं जिससे सूप बना कर ये लोग अपना जीवन चला रहे हैं.

कीव के पास सामूहिक कब्रें

कीव की क्षेत्रीय पुलिस का कहना है कि गुरुवार को राजधानी के उत्तर पश्चिमी इलाके में मौजूद बोरोजांका में 9 शवों समेत दो सामूहिक कब्रें मिली हैं. इनमें दो महिलाएं और एक किशोर का शव भी शामिल है. कीव के पुलिस प्रमुख आंद्री नेबीतोव का कहना है, "ये आम लोग थे और रूसी सेना ने जान बूझकर इन्हें गोली मारी है. इन लोगों ने कोई प्रतिरोध नहीं किया था इनसे उन्हें कोई खतरा भी नहीं था." सभी शवों को आगे की फोरेंसिक जांच के लिए कीव ले जाया गया है.

बोर्दोजांका में मिली सामूहिक कब्रें
बोर्दोजांका में मिली सामूहिक कब्रेंतस्वीर: Mathias Böllinger/DW

अमेरिकी सहायता का एलान होगा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज यूक्रेन के लिए नई मदद की योजना का एलान कर सकते हैं. अधिकारियों का कहना है कि बाइडेन गुरुवार को व्हाइट हाउस में इसकी जानकारी देंगे. सहायता का नया पैकेज पिछले पैकेज के बराबर ही रहने की उम्मीद जताई जा रही है जो पिछले हफ्ते दिया गया था.

जी 7 के वित्त मंत्रियों ने कहा है कि वो साथ मिल कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यूक्रेन के लिए 24 अरब डॉलर से अधिक की सहायता जुटायेंगे. यह सहायता 2022 और उसके बाद भी जारी रहेगी उनका यह भी कहना है कि वे लोग इससे अधिक सहायता के लिए भी तैयार हैं.

सी बीच डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेते फ्रेदेरिक्सन और स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने गुरवार को कीव का दौरा किया. फ्रेदेरिक्सन नॉर्डिक देशों के पहले नेता हैं जो रूसी हमला शुरू होने के बाद कीव की यात्रा पर आए हैं.

कीव में स्पेन और डेनमार्क के प्रधानमंत्री
कीव में स्पेन और डेनमार्क के प्रधानमंत्रीतस्वीर: Moncloa/Borja Puig de la Bellacasa/Handout via REUTERS

प्रतिबंधों का असर

जर्मनी के आधिकारिक आंकड़ों से पता चल रहा है कि रूस को जर्मनी से किया जाने वाला निर्यात काफी कम हो गया है. संघीय सांख्यिकी दफ्तर ने गुरुवार को बताया कि पिछले साल के मुकाबले जर्मनी से रूस को निर्यात 57.5 फीसदी घट कर 1.1 अरब यूरोप पर आ गया है. यूरोपीय संघ के बाहर के देशों में जर्मनी के निर्यात के लिहाज से रूस अब 12वें नंबर पर चला गया है.

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एक रूसी समाचार संस्था ने खबर दी है कि चीन के क्रेडिट कार्ड प्रोसेसर ने रूसी बैंकों के साथ काम करने से मना कर दिया है. खबर के मुताबिक प्रतिबंधों के डर के कारण चीनी कंपनी ने यह कार्रवाई की है. इसका असर रूस के सबसे बड़े बैंक स्बरबैंक और दूसरे कई छोटी संस्थाओं पर होगा. वीजा और मास्टरकार्ड तो पहले ही यह काम कर चुके हैं अब चीनी कंपनी यूनियन पे भी इसमें शामिल हो गया है. यूनियन पे दुनिया के सबसे बड़े पेमेंट प्रोसेसरों में एक है लेकिन इसका ज्यादातर कामकाज सिर्फ चीन में ही है.विश्व बैंक के प्रमुख डेविड मालपास ने कहा है कि युद्ध के कारण पैदा हुआ खाद्य संकट कई महीनों बल्कि अगले साल तक जारी रह सकता है.

रूस के विदेश मंत्री ने ब्रिटेन से कहा है कि वह यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई बंद कर दे. इस बीच ग्रीस के अधिकारियों ने जब्त रूसी जहाज को छोड़ने का फैसला किया है. 115,500 टन वजनी पेगास को पिछले हफ्ते जब्त किया गया था. इस पर चालक दल के 19 लोग सवार थे. शिप पर मौजूद तेल को भी नहीं निकाला गया है.

एनआर/आरपी (एपी, डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)