महिला रेफरी की बढ़ती मांग
६ जून २०१४पांच बार फीफा द्वारा विश्व की सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉल खिलाड़ी चुनी जा चुकी मार्ता ने कहा कि ज्यादा महिलाओं को हेलेना कोस्टा की राह पर चलना चाहिए. पुर्तगाल की कोस्टा ने हाल ही में पुरुषों की एक फ्रांसीसी पेशेवर टीम का कार्यभार संभाला है.
ब्राजील की मार्ता वियेरा डा सिल्वा 28 साल की हैं और वह सिर्फ मार्ता के नाम से लोकप्रिय हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संस्था यानि फीफा ही बता सकता है कि ज्यादा महिलाओं को रेफरी क्यों नहीं बनाया जा रहा है, "कई दूसरी प्रतियोगिताओं में, महिलाएं रेफरी हैं और उनके खिलाफ कभी भी शिकायत नहीं आई है. उन्होंने हमेशा बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है."
रियो द जनेरो में उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करती हूं कि अगले विश्वकप में फीफा इस बारे में ज्यादा विचार करेगा और महिलाओं को ज्यादा मौके देगा." महिलाओं ने इंग्लैंड और जर्मन लीग मुकाबलों में असिस्टेंट रेफरी के तौर पर काम किया है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें शायद ही मौका मिला है. मार्ता का कहना है, "अगर किसी महिला में क्षमता है, तो मुझे नहीं लगता कि टीम के पुरुष या महिला होने से कोई फर्क पड़ता है."
मार्ता खुद स्वीडन की टाइरेसो क्लब से खेलती हैं. उन्होंने फ्रांसीसी टीम क्लेमोंट का जिक्र करते हुए कहा कि "कोस्टा को उनके रिकॉर्ड से पहचाना जाना चाहिए, न कि महिला होने के नाते." हेलेना कोस्टा क्लेमोंट की मैनेजर हैं. हालांकि मार्ता का कहना है कि खुद उनमें इतनी धीरज नहीं है कि वे अपने ब्राजील की टीम को कोच कर सकें, "मैं बहुत जल्दी तनाव में आ जाती हूं. लेकिन मैं इसे पूरी तरह खारिज भी नहीं करती हूं. मैं पहले ही कह चुकी हूं कि जब मैं खेलना छोड़ूंगी, तो भी फुटबॉल से जुड़ी रहना चाहूंगी."
एजेए/एमजी (एएफपी)