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महासागरों के तापमान में रिकॉर्ड बढ़त हुई दर्ज

४ अगस्त २०२३

महासागरों के तापमान में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. यह जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़े तापमान का नतीजा है. इसका असर पूरी धरती की सेहत पर पड़ना लाजमी है.

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पानी पर चलती एक महिला
समुद्री जल में रिकॉर्ड बढ़त धरती पर जीवन को प्रभावित करेगीतस्वीर: Stefan Schütz/Westend6/IMAGO

दुनिया भर की समुद्री सतह का तापमान रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई को छू गया है. यूरोपियन यूनियन की जलवायु परवर्तन एजेंसी कॉपरनिकस के मुताबिक समुद्री सतह का तापमान इस हफ्ते 2016 के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 20.96 सेल्सियस पर पहुंच गया. यह इस साल के अनुमानित औसत से कहीं ज्यादा है.

साल 2016 में यह 20.95 सेल्सियस था. पानी का तापमान बढ़ने का असर आम तौर पर समझ में भले ही ना आए लेकिन यह काफी गंभीर है. गर्म हुआ पानी वह भूमिका नहीं निभा सकता जो समुद्री पानी पर्यावरण के लिए निभाता है.

रोड्स आइलैंड में जंगल की आग
महासागरों पर जलवायु परिवर्तन का गहरा असर दिखने लगा हैतस्वीर: Petros Giannakouris/AP/picture alliance

गर्म समुद्री पानी का असर

गर्म पानी में कार्बन डाइऑक्साइड सोखने की क्षमता कम हो जाती है. इसका मतलब यह है कि धरती को गर्म करने वाली गैसें हवा में ही रहेंगी और मौसम को गर्म करती रहेंगी. नतीजा यह होगा कि ग्लेशियर पिघलकर समुद्र में जाएंगे और समुद्री जल का स्तर बढ़ेगा. इस तरह देखा जाए तो बढ़ता तापमान धरती के लिए एक विषम जाल है.

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गर्म समुद्री पानी और हीटवेव से इंसानों की जिंदगी तो प्रभावित हो ही रही है, इससे मछली और व्हेल जैसे समुद्री जीव भी संकट में घिरते जा रहे हैं क्योंकि वह ठंडे पानी की तलाश में निकल पड़ते हैं जिससे खाद्य श्रृंख्ला का संतुलन बिगड़ता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि मछलियों की प्रजातियां इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं. खाद्य श्रृंख्ला के सबसे ऊपर बैठे जीव जैसे शार्क भी इससे अछूती नहीं हैं. गर्म पानी उनके सामान्य जीवन को प्रभावित करेगा जिसके असर से वो हैरान होकर पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक तरीके से पेश आ सकती हैं. 

मॉलदीव में फ्यूसिलियर मछली
गर्म पानी से समुद्री जीवोंं खासकर मछलियों की प्रजातियों पर बहुत ज्यादा असर होगा.तस्वीर: Henley Spiers/AP/picture alliance

वजह की पड़ताल

पिछले कुछ सालों में धरती का तापमान नाटकीय ढंग से बढ़ा है हालांकि समुद्र गर्म होने में लंबा वक्त लेते हैं. यह तब है जब ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की वजह से गर्म होते हमारे ग्रह की 90 फीसदी गर्मी समुद्र ही सोख रहे हैं. यानी गर्म होता समुद्री पानी इस बात का संकेत है कि महासागरों की क्षमता सीमाएं छू रही है.

धरती अब गर्म नहीं हो रही है बल्कि उबल रही है

कुछ जानकारों का मानना है कि समुद्रों की गहराई में पहले से ही बहुत गर्मी है जो अब सतह पर पहुंच रही है. इसका संबंध अल नीनो से हो सकता है. वैज्ञानिकों को यह पहले से पता है कि ग्रीन हाउस उत्सर्जन के चलते समुद्री जल गर्म होता रहेगा लेकिन वह यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस साल इस उछाल की आखिर वजह क्या है.

एसबी/सीके (एएफपी,एपी)

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