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महाशक्ति अमेरिका को दूसरा स्थान नहीं मंज़ूरः ओबामा

२८ जनवरी २०१०

चीन व भारत के तेज़ आर्थिक विकास का हवाला देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि महाशक्ति अमेरिका दुनिया में दूसरे स्थान को स्वीकार नहीं कर सकता. इसलिए उसे अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए गंभीर हो जाना चाहिए.

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कांग्रेस में पहला भाषणतस्वीर: AP

राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी कांग्रेस में अपने पहले भाषण में ओबामा ने कहा, "वॉशिंगटन दशकों से हमें इंतज़ार करते रहने को कहता रहा है और समस्याएं गंभीर होती गईं. इस बीच चीन अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए करने के लिए इंतज़ार नहीं कर रहा है. जर्मनी इंतज़ार नहीं कर रहा है. भारत इंतज़ार नहीं कर रहा है. ये देश चुप नहीं बैठे हैं और वे दुनिया में दूसरे स्थान के लिए काम नहीं कर रहे हैं. वे गणित और विज्ञान पर ज़्यादा ज़ोर दे रहे हैं. वे अपने यहां बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं. वे अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ा रहे हैं क्योंकि वे नौकरियों को चाहते हैं."

69 मिनट लंबे भाषण में ओबामा ने कहा कि अमेरिका दुनिया की महाशक्ति है और वह उसके लिए दुनिया में दूसरा स्थान कभी स्वीकार नहीं करेंगे. उनके मुताबिक़, "मुझे दुनिया में अमेरिका के लिए दूसरा स्थान क़बूल नहीं है. भले ही कितना भी मुश्किल क्यों न हो, हमें अपनी उन समस्याओं को दूर करना है जो हमारी वृद्धि में बाधा बन रही हैं."

ओबामा ने कहा कि 10 में से एक अमेरिकी को अब भी काम नहीं मिलता. बहुत से कारोबार ठप हो गए हैं. छोटे क़स्बों और गांवों पर ख़ास तौर से बुरी मार पड़ी है. उनके मुताबिक़ मंदी ने अमेरिकी परिवारों को दिक़्क़तें और बढ़ाई है. लेकिन अब यह गुज़र चुकी है. पर इसके बुरे प्रभावों से निपटना है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा मोंढे