महारानी की जर्मनी यात्रा
यूरोप में सबसे लंबे काल से राजगद्दी पर आसीन ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ पांचवी बार जर्मनी की यात्रा पर हैं. यात्रा के दौरान वह प्रमुख हस्तियों से मिल रही हैं और नाजी शासन के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दे रही हैं.
ब्रिटिश महारानी का सैन्य सम्मान
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ मंगलवार को बर्लिन पहुंचीं. महारानी का 21 बंदूकों की सलामी के साथ स्वागत किया गया.
अगर बर्लिन की सड़कें बोल सकतीं
होटल जा रही शाही दंपति की झलक पाने के लिए बर्लिन की सड़कों पर भीड़ रही. मशहूर ब्रांडेनबुर्ग गेट के पास से गुजरती उनकी रॉयल बेंटली.
आराम जरूरी है
बर्लिन शहर के बीचोंबीच स्थित ब्रांडेनबुर्ग गेट के करीब ही परंपरासंपन्न होटल आडलॉन में उनके लिए रहने का इंतजाम किया गया.
भारी सुरक्षा इंतजाम
बर्लिन की पुलिस के मुताबिक महारानी की सुरक्षा की जिम्मेदारी 1500 अधिकारियों को सौंपी गई है. पिछले एक दशक में यह महारानी की पहली जर्मनी यात्रा है.
जर्मन राष्ट्रपति के साथ
बुधवार को महारानी की सबसे पहली मुलाकात जर्मन राष्ट्रपति योआखिम गाउक से बेलेव्यू कासेल स्थित राष्ट्रपति आवास पर हुई.
लहरों पर
राष्ट्रपति से मिलने के बाद महारानी ने पति के साथ क्रूज का मजा लिया और बोट पर ही चांसलर अंगेला मैर्केल से मिलने चांसलर दफ्तर पहुंची.
सालों का साथ
क्वीन एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप की शादी 1947 में हुई थी. ड्यूक ऑफ एडिनबरा प्रिंस फिलिप जून में 94 साल के हो गए.
यूरोप की शक्तिशाली महिलाएं
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने चांसलरी में महारानी का स्वागत इस अंदाज में किया. मैर्केल की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ भी मीटिंग थी.
याद रखने लायक पल
विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की याद में बर्लिन के नॉय वाखे में स्थित स्मारक पर महारानी ने फूलमालाएं चढ़ाईं. शाही दंपति बेरगेन-बेलजेन का नाजी यातना शिविर भी देखेंगे जिसे 1945 में ब्रिटिश सैनिकों ने आजाद कराया.