मर्सिडीज के ड्राइवरों को फटकार
५ सितम्बर २०१४इटली के खूबसूरत मोंजा ट्रैक पर रविवार को होने वाली फॉर्मूला वन रेस से पहले मर्सिडीज ने अपने जर्मन और ब्रिटिश ड्राइवर को साफ चेतावनी दी है. टीम के प्रमुख टोटो वोल्फ के मुताबिक दोनों ड्राइवरों को बता दिया गया है कि अब अगर उन्होंने एक दूसरे के साथ जरा भी गड़बड़ की तो एक ड्राइवर पर गाज गिरेगी, "हमें फैसला करना होगा और लाइन अप बदलने के नतीजों के लिए तैयार रहना होगा."
बेल्जियम ग्रां प्री में निको रोसबर्ग और ब्रिटेन के लुइस हैमिल्टन की गाड़ी आपस में टकरा गई थी. जर्मन ड्राइवर रोसबर्ग भले ही दूसरे स्थान पर रहे लेकिन हैमिल्टन को रेस से बाहर होना पड़ा. इसकी वजह से टीम को कई अंकों का नुकसान हुआ. टक्कर के बाद जहां रोसबर्ग ने माफी मांगी वहीं हैमिल्टन झगड़े को मीडिया में भी ले गए और ऐसा जताने लगे जैसे सारा कसूर रोसबर्ग का हो. मर्सिडीज के दोनों ड्राइवरों के बीच काफी समय से खिताब के लिए गलाकाट प्रतिस्पर्धा छिड़ी है. बेल्जियम से पहले ही दोनों के बीच तीखे झगड़े हो चुके हैं. इसकी वजह से सबसे ज्यादा नुकसान टीम को हो रहा है.#b
झगड़े को शांत कराने की कोशिश अब दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके फरारी के फर्नांडो अलोंसो भी कर रहे हैं. हैमिल्टन के साथ झगड़े का अनुभव अलोंसो को भी है. 2007 में दोनों मैक्लारेन की गाड़ी चलाते थे. तब भी हैमिल्टन के व्यवहार की वजह से अलोंसो काफी दुखी रहे. आखिरकार उन्होंने मैक्लारेन टीम छोड़ ही दी. अलोंसो कहते हैं, "2007 में हम जो चाहते थे वो नही हुआ."
स्पेन के अलोंसो मानते है कि रेस के दौरान प्रतिस्पर्धा होना आम बात है, इसी की वजह से खेल में रोमांच है लेकिन ड्राइवरों के बीच व्यक्तिगत मतभेद नहीं होने चाहिए, "मुझे लुइस से कोई दिक्कत नहीं है, हैरानी की बात तो यह है कि आज भी हमारे अच्छे संबंध हैं और मुझे उम्मीद है कि ये दोनों भी आगे बढ़ेगें."
मोंजा में रविवार को होने वाली रेस से पहले चैंपियनशिप के लिहाज से रोसबर्ग 220 अंकों के साथ पहले नंबर पर हैं. उनके बाद हैमिल्टन (191) और फिर रेड बुल के डैनियल रिकॉर्डो (156) हैं. इटली को मिलाकर इस सत्र की अब बस सात रेसें बची हैं. फॉर्मूला वन में रेस जीतने वाले ड्राइवर को 25, दूसरे स्थान पर रहने वाले 18 और तीसरे नंबर पर रहने वाले को 15 अंक मिलते हैं. साल की आखिरी रेस में दोगुने अंक मिलते हैं. सबसे ज्यादा अंक पाने वाला ड्राइवर चैंपियनशिप जीतता है. वहीं सबसे ज्यादा रेसें जीतने वाली टीम भी चैंपियन बनती है.
ओएसजे/एएम (एएफपी)