ईमेल, ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग. इन सबके लिए एक अकाउंट नेम, एक पासवर्ड बनाना पड़ता है. और कई बार हमारे पास इतने सारे पासवर्ड हो जाते हैं कि इन्हें याद रखना मुश्किल हो जाता है. अब फेस रिकगनिशन या फिंगर प्रिंट्स का इस्तेमाल होने लगा है. बायोमैट्रिक्स का इस्तेमाल चीज़ों को आसान तो बना रहा है लेकिन क्या ये फुलप्रूफ भी है?