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भौतिकी का नोबेल ब्लैक होल से जुड़ी खोजों को मिला

६ अक्टूबर २०२०

इस साल भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रोजर पैनरस, राइनहार्ड गैन्जेल और आंद्रे गेज को दिया जाएगा. तीनों वैज्ञानिकों की खोज अंतरिक्ष में मौजूद ब्लैक होल से जुड़ी है.

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Nobelpreis für Physik 2020 Roger Penrose, Reinhard Genzel, Andrea Ghez
तस्वीर: Youtube/Nobel Prize

यूके में पैदा हुए और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले रोजर पैनरस ने पता लगाया है कि ब्लैक होल के निर्माण को सापेक्षता के सिद्धांत पर समझा जा सकता है. यह सिद्धांत अल्बर्ट आइंस्टाइन ने दिया था. दूसरी तरफ हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद एक अदृश्य लेकिन बेहद शक्तिशाली ऑब्जेक्ट यानी ब्लैकहोल की खोज के लिए राइनहार्ड गेंजल और आंद्रेया गेज को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. राइनहार्ड गेंजल जर्मनी में पैदा हुए और माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के निदेशक हैं. आंद्रेया गेज अमेरिका से हैं और युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजेलेस में प्रोफेसर हैं.  

अतिसूक्ष्म कणों से लेकर ब्रह्मांड के विशाल रहस्यों को सुलझाने के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया जाता रहा है. स्टॉकहोम की कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने आज इसका एलान किया है. एक ही क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिकों के बीच इस पुरस्कार का बांटा जाना अब आम बात हो गई है. पिछले साल कनाडा में जन्मे ब्रह्मांडविज्ञानी जेम्स पीबल्स और स्विस अंतरिक्षविज्ञानी मीषेल मेयर और डिडियर क्वेलोज को यह पुरस्कार मिला. जेम्स पीबल्स को बिग बैंग के बाद शुरुआती समय पर काम करने के लिए यह पुरस्कार मिला तो मेयर और क्वेलोज को सौरमंडल के बाहर ग्रहों की खोज करने के लिए.

1901 से लेकर 2019 के बीच भौतिकी के लिए कुल 113 नोबेल पुरस्कार दिए गए. 1916, 1931, 1934, 1941 और 1942 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया. पुरस्कार नहीं देने के बारे में नोबेल फाउंडेशन के संविधान का कहना है कि जब कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलेगा तब यह पुरस्कार नहीं दिया जाएगा. ऐसी स्थिति में पुरस्कार की राशि अगले साल तक के लिए सुरक्षित रख दी जाएगी. अगर उसके अगले साल भी कोई नहीं मिला तो यह धन फाउंडेशन के प्रतिबंधित कोष में डाल दी जाएगी. विश्वयुद्धों के दौर में कम नोबेल पुरस्कार दिए गए.

भौतिकी में 47 बार यह पुरस्कार एक विजेता को मिला जबकि 32 बार इसके दो विजेता रहे और 34 बार तीन वैज्ञानिकों ने पुरस्कार साझा किया. जॉन बार्डीन नाम के वैज्ञानिक को दो बार नोबेल पुरस्कार मिला है. इस तरह कुल 212 लोगों ने 213 पुरस्कार हासिल किए हैं. अब तक केवल तीन महिलाएं ही यह पुरस्कार जीत सकीं हैं. इनमें मैरी क्यूरी को 1903 में, मारिया गोएपर्ट मायर को 1963 में और 2018 में डोना स्ट्रिकलैंड को यह पुरस्कार दिया गया. दो बार नोबेल पुरस्कार जीतने वालों में मैरी क्यूरी भी हैं लेकिन उन्हें दूसरा पुरस्कार रसायन के लिए मिला. मैरी क्यूरी का उदाहरण अनोखा है क्योंकि उनके पति और बेटी-दामाद को भी नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. भौतिक के नोबेल के सबसे युवा विजेता लॉरेंस ब्रैग हैं जिन्हें 25 साल की उम्र में उनके पिता के साथ नोबेल पुरस्कार दिया गया. इसी तरह सबसे अधिक उम्र के नोबेल विजेता के रूप में आर्थर आश्किन का नाम दर्ज है जिन्हें 2018 में जब पुरस्कार मिला तब उनकी उम्र 98 साल थी. भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेताओं में महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन भी हैं. उन्हें 1921 में फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट के सिद्धांत के लिए नोबेल पुरस्कार मिला.

दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है. इस बार पुरस्कार विजेता को करीब 11 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम मिलेगी. महंगाई को देखते हुए हाल ही में पुरस्कार की राशि बढ़ाई गई है. 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु हुई थी और इसी दिन यह पुरस्कार दिए जाते हैं. कोरोना की महामारी के कारण इस साल विज्ञान, साहित्य और शांति पुरस्कारों के विजेताओं को उनके देश में ही पुरस्कार दिया जाएगा. नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में होने वाला समारोह भी संक्षिप्त रहेगा. शांति पुरस्कार विजेता को पुरस्कार या तो ओस्लो में दिया जाएगा या फिर ऑनलाइन समारोह के जरिए.

एनआर/आईबी(एपी, डीपीए)

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