भारत में संदिग्ध ऑनर किलिंग का एक और मामला
४ जुलाई २०१०फ़िरोज़ाबाद के एसपी जे एस लांबा ने कहा है कि 16 वर्षीया रीना और 19 वर्षीय श्याम मोहम्मद की लाशें सोमियां गांव के सीनियर सेकंडरी स्कूल के अहाते में पाई गई.
यह प्रेमी जोड़ा पिछले साल घर छोड़कर भाग गया था लेकिन बाद में ललोदा रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था. ग्राम पंचायत इस रिश्ते के ख़िलाफ़ थी क्योंकि रीना जाट समुदाय की थी जबकि श्याम मुसलमान था.
पुलिस का कहना है कि पंचायत ने श्याम को पंजाब के एक मदरसे में भेजने का फ़ैसला लिया था जबकि रीना को अपने चाचा के पास सोमियां गांव में रहने की अनुमति दी थी. श्याम हाल ही में छुट्टियों के दौरान गांव वापस आया था. लड़की के चाचा नानू का कहना है कि उसने शनिवार रात को श्याम को देखा था.
एसपी लांबा ने कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ जाने के बाद मौत का कारण पता चलेगा.
इज़्ज़त के नाम पर होने वाली हत्याओं के जानकार कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हर साल 1000 से अधिक युवा लोगों को सम्मान रक्षा के नाम पर मार दिया जाता है. बच्चों के अपहरण, विस्थापन और जबरी विवाह पर एक लंदन में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में चंडीगढ़ के अनिल मलहोत्रा और रंजीत मलहोत्रा ने कहा है कि परम्परागत समाजों में असम्मानजनक व्यवहार के लिए हत्या को उचित ठहराया जाता है.
दोनों कानून विशेषज्ञों ने एक संयुक्त पेपर में कहा है कि जबरी विवाह और इज़्ज़त के नाम पर हत्या एक दूसरे से जुड़े हैं. सम्मान रक्षा के लिए शादी के लिए दबाव डाला जा सकता है और जबरी विवाह से इंकार करने और परिवार को अस्वीकार्य लेकिन अपनी पसंद के साथी से विवाह करने वाली महिला को मारा जा सकता है. मलहोत्रा बंधुओं का कहना है कि इज़्ज़त के नाम पर हत्याएं नियमित रूप से पंजाब, हरियाणा और पस्चिमी उत्तर प्रदेश में होती हैं. वे न सिर्फ़ मुस्लिम समुदाय में बल्कि सिख और हिंदू समुदाय में भी होती हैं.
भारत में इज़्ज़त के नाम पर होने वाली हत्याओं का कोई राष्ट्रीय आंकड़ा नहीं है लेकिन अखिल भारतीय डेमोक्रैटिक महिला संघ के अनुसार हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में हर साल लगभग 900 लोग इज्ज़त के नाम पर मारे जाते हैं जबकि देश के बाकी हिस्सों में 100-300 हत्याएं होती हैं.
अनिल मलहोत्रा और रंजीत मलहोत्रा ने सेमिनार को बताया कि भारत सरकार आपराधिक कानून में परिवर्तन की तैयारी कर रही है ताकि इस सामाजिक बीमारी के उन्मूलन के लिए ऑनर किलिंग की व्याख्या की जा सके और पंचायतों को हत्या में सहयोग के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा सके.
रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन