भारत बंद के दौरान कई जगह हिंसा
२ अप्रैल २०१८भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश में ही तीन लोगों की मौत हो गई. हालात बिगड़ने पर राज्य के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है. चंबल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संतोष सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मुरैना और भिंड में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है. लेकिन मौत के कारणों का पता अभी नहीं चल पाया है." उन्होंने कहा, "मुरैना शहर और भिंड के पांच कस्बों में कर्फ्यू लागू है. हालात पर बराबर नजर रखी जा रही है."
पुलिस के अनुसार, ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन के हिंसक रूप अख्तियार कर लेने के बाद तीन थाना क्षेत्रों -थाटीपुर, गोला का मंदिर, मुरार- में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है. इन इलाकों में बड़ी संख्या में वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की खबर है. हिंसा में कई सारे लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं. सागर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. आंदोलनकारियों ने कई जगह रेलगाड़ियों को भी रोक दीं.
उल्लेखनीय है कि एससी/एसटी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) अधिनियम का दुरुपयोग रोकने के लिए हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया था. न्यायालय के इस फैसले के विरोध में विभिन्न संगठनों ने सोमवार को दिनभर का भारत बंद आहूत किया है, जिसका मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में व्यापक असर हुआ.
सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत शिकायत दर्ज कराने पर आरोपी को तुरंत गिरफ्तार नहीं करने के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र ने सोमवार को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया. सर्वोच्च न्यायालय ने 20 मार्च को अपने एक आदेश में कहा था कि पुलिस इस अधिनियम के तहत दर्ज शिकायत पर कार्रवाई करने से पहले उसकी सत्यता का पता लगाने के लिए जांच करेगी.
अदालत ने यह भी कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहने पर उसके खिलाफ दर्ज शिकायत पर कार्रवाई करने से पहले किसी उच्च अधिकारी की मंजूरी जरूरी है. आम लोगों के मामले में शिकायत की जांच जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा की जाएगी.
केंद्र ने निवेदन में कहा कि शिकायत पर कार्रवाई जांच के बाद होने से कानून की कार्यवाही पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दायर करने जा रही है. सोमवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार पूरी क्षमता के साथ सर्वोच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर बहस करेगी और फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए न्यायालय से आग्रह करेगी.
आईएएनएस