भारत पाक तनाव में पिसी हॉकी
१४ जनवरी २०१३क्रिकेट की आईपीएल की तरह भारत में इंडिया हॉकी लीग की शुरुआत हुई है, जिसमें पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ी भी हिस्सा ले रहे हैं. मुंबई में पहला मैच होना था लेकिन वहां शिव सेना के हंगामे के बाद इसे दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया. अब भारतीय हॉकी फेडरेशन (आईएचएफ) ने भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वापस भेजने की मांग उठा दी है. मुकाबले में पांच टीमें हिस्सा ले रही हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर तनाव फैला है और दोनों पक्ष के दो दो सैनिक मारे गए हैं. भारत का आरोप है कि पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सैनिक का सिर काट लिया है. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में जबरदस्त तनाव है.
आईएचएफ ने हॉकी इंडिया से कहा है कि उसे इस लीग पर दोबारा विचार करना चाहिए. इसके चीफ पैट्रन केपीएस गिल ने कहा, "हॉकी इंडिया यह लीग मुकाबला करा रही है और उसने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को बुलाया है. उसने इस घटना के बाद कोई बयान नहीं दिया है. भारतीय सैनिकों के साथ ऐसा सलूक किया गया और वे पाकिस्तानी खिलाड़ियों का स्वागत कर रहे हैं. पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जो कार्रवाई की है, उसके बाद भारतीय हॉकी को उन्हें भारत में खेलने पर रोक लगानी चाहिए."
गिल का कहना है कि बीजेपी नेता अरुण जेटली इस्लामाबाद से भारतीय उच्चायुक्त को तो बुलाने की बात करते हैं लेकिन खुद हॉकी लीग के डायरेक्टर हैं और इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों से भी अपील की कि अगर पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो उन्हें खुद ही इस प्रतियोगिता से हट जाना चाहिए.
इससे पहले मुंबई में प्रदर्शन के बाद आयोजक इस बात को पक्का नहीं कर पा रहे हैं कि क्या उनकी टीम को घर में खेलने का मौका मिलेगा या नहीं. मुंबई हॉकी के सचिव राम सिंह राठौड़ का कहना है, "अब यह हॉकी संस्थाओं पर नहीं निर्भर करता है, बल्कि भारत और महाराष्ट्र सरकार पर निर्भर करता है कि यहां हॉकी मैच हो पाएंगे या नहीं. मुझे लगता है कि अगर हमें पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ेगा, तो बहुत मुश्किल हालात होंगे."
मुंबई की टीम में चार पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं. पुलिस ने प्रदर्शन के बाद सुरक्षा बढ़ा दी है और कहा है कि फिलहाल कोई भी खिलाड़ी मुंबई में नहीं है. पुलिस का कहना है कि वे लोग "हॉकी इंडिया से बात करेंगे और उनकी योजना के मुताबिक ही आगे की रणनीति तय करेंगे."
भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल का संघर्ष विराम उस वक्त टूट गया, जब दोनों तरफ के हमले में सैनिकों की मौत हो गई. दोनों के बीच 2003 में संघर्ष विराम हुआ था. आजादी के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद पेचीदा हैं और खास तौर पर कश्मीर को लेकर दोनों देश बेहद संवेदनशील हैं.
मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते और खराब हो गए हैं. मुंबई में शिव सेना के वर्चस्व की वजह से इसका ज्यादा असर दिखता है. पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेलने के मुद्दे पर शिव सैनिकों ने एक बार वानखेड़े स्टेडियम की पिच भी खोद दी थी. पार्टी प्रवक्ता राहुल नारवेकर का कहना है, "हम पाकिस्तान के खिलाड़ियों और कलाकारों को यहां आने की इजाजत नहीं देंगे."
सात साल बाद पाकिस्तान की क्रिकेट टीम ने भारत का दौरा किया लेकिन मुंबई में दोनों देशों के बीच मैच नहीं रखा गया. हॉकी लीग का पहला मैच मुंबई में होना था लेकिन ताजा तनाव के वजह से शायद इस पर ग्रहण लग गया है.
एजेए/एमजे (पीटीआई, रॉयटर्स)