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भारत को रुपया दे कर सामान खरीदेगा ईरान

Priya Esselborn२ मार्च २०१२

ईरान ने भारतीय कंपनियों से खरीदे सामान की कीमत चुकाने का एक खास तरीका निकाला है. पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचने के लिए ईरान अब रुपए में भारत से सामान खरीद रहा है.

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तस्वीर: AP

दिसंबर 2010 से लेकर अब तक ईरान को भारत ने लगभग तीन अरब डॉलर का सामान बेचा है. लेकिन पश्चिमी देशों ने ईरान के तेल निर्यात, उसके बैंक खातों और उसकी विदेशी संपत्तियों को जब्त कर लिया है जिसके बाद ईरान जिन देशों से सामान मंगाता करता है, उन्हें पैसे नहीं दे पा रहा है.

इस सिलसिले में ईरान सरकार के प्रतिनिधियों ने भारतीय बैंकों के अधिकारियों से मुलाकात की और भारत से आने वाले सामान का रुपयों में भुगतान करने का फैसला लिया है. इसके लिए ईरान ने यूको बैंक में एक खाता शुरू किया है. भारत सरकार का कहना है कि बैंक पार्सियन केवल भारतीय सामान के आयात को चुकाने के लिए यह कदम उठा रहा है.

भारत के निर्यातकों की संस्था, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख रफीक अहमद ने कहा है, "भारतीय निर्यातकों को यूको बैंक में बैंक पार्सियन से पैसे मिल रहे हैं. जितना भुगतान अब तक रुका हुआ था, वह धीरे चुकाया जा रहा है." भारत सरकार के साथ अहमद भी ईरान से बातचीत कर रहे हैं. डॉलर मुद्रा पर रोक लगाने के बाद अब ईरान के पास आयात किए गए सामान का पैसा चुकाना मुश्किल हो गया है. इस महीने भारत से एक टीम ईरान जा रही हैं और वहां अधिकारियों से निर्यात बढ़ाने पर बातचीत होगी.

2011 में भारत ने 11 अरब डॉलर का तेल ईरान से खरीदा. ईरान के तेल से भारत की 12 प्रतिशत तेल जरूरत पूरी होती हैं. ईरान भारत से लोहा और इस्पात, रसायन, खाने पीने की चीजें और दवाइयां आयात करता है जो कुल मिलाकर करीब एक अरब 72 करोड़ रुपये है. इसके अलावा ईरान ने भारत से चावल भी खरीदा है जो एक करोड़ 44 लाख डॉलर का है. भारत ईरान से लिए गए तेल के पैसे हाल्कबैंक के जरिए देता है जिसपर प्रतिबंध लगाए जाने की आशंका है. भारत और ईरान ने इस वजह से पूरे व्यापार का 45 फीसदी हिस्सा भारतीय रुपयों में करने और बाकी बचे पैसों को निर्यात के जरिए चुकाने का फैसला किया है. भारत में तेल आयात कर रही कंपनियां अब टैक्स पर समझौते के बाद रुपयों में व्यापार करेंगी.

चीन के साथ व्यापार में भी ईरान को इसी तरह की पेरशानियां आ रही हैं. चीन को ईरान हर साल करोड़ों डॉलर का सामान बेचता है लेकिन वित्तीय अड़ंगों की वजह से चीन भी ईरान को सामान देकर आयात के पैसे चुका रहा है. ईरान से मेवा खरीदकर चीन सरकार उसे गत्ते के बक्से और कनस्तर देती है.

भारत ने ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का मौलिक तौर पर समर्थन तो किया है लेकिन वह यूरोपीय संघ और अमेरिका के ईरान पर लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों का साथ नहीं देना चाहता. पश्चिमी देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खतरे की वजह से उसपर पाबंदियां लगा रहे हैं. गुरुवार को भारत के तेल मंत्री जयपाल रेड्डी ने कहा कि भारत के ईरान से औपचारिक संबंध हैं और वह अपने देश में तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए ईरान से आयात जारी रखेगा.

रिपोर्टः पीटीआई, रॉयटर्स/एमजी

संपादनः एन रंजन

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