भारत की सेना में होंगे ये बड़े बदलाव
भारत की सेना में बड़े बदलाव पर काम शुरू हो गया है. इसके तहत करीब 57,000 सैनिक और नागरिक पदों में हेरफेर होगा. दावा है कि इन से सेना की क्षमता, सक्रियता और युद्धक अभियानों में बेहतरी आयेगी. गैरजरूरी खर्चे कम होंगे.
सेना के कई विभागों में जरूरत से ज्यादा नियुक्तियां होती हैं. गैरजरूरी पदों की पहचान कर उन्हें खत्म किया जाना है और इन लोगों को दूसरे ज्यादा जरूरी और युद्धक अभियानों में लगाया जाना है. तीनों सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाने की बात भी कमेटी की सिफारिशों में है.
कमेटी ने सेना को अत्याधुनिक बनाने के लिए बजट में ऐसे प्रावधान करने की सिफारिश की है जिसमें पूंजीगत खर्चों के लिए मिलने वाला पैसा वित्तीय साल में इस्तेमाल नहीं होने पर भी वापस ना जाये. ये पैसा आगे के वित्तीय वर्षों में इस्तेमाल करने के लिए सेना के पास ही रहे.
सरकार ने जिन सुधारों को मंजूरी दी है उनमें सेना के मरम्मत विभाग, बेस वर्कशॉप, एडवांस वर्कशॉप और स्टेशन वर्कशॉप में काम करने वालों की व्यवस्था में बदलाव होगा. रक्षा साजो सामान की गुणवत्ता का परीक्षण करने वाले डीजीक्यूए की व्यवस्था में भी बदलाव को मंजूरी दी गयी है.
कमेटी ने मध्यक्रम के अधिकारियों के लिए युद्ध कौशल सिखाने वाले कॉलेज खोलने की बात कही है जिनमें तीनों सेनाओें (वायु सेना, नौ सेना, थल सेना) के अधिकारियों को प्रशिक्षण मिलेगा.
रिटायर हो चुके अधिकारी और जवान एनसीसी में मौजूद अधिकारियों और जवानों की जगह लेंगे. एनसीसी में अगले पांच सालों के दौरान व्यापक सुधारों की बात कही गयी है. इसे रक्षा मंत्रालय से हटा कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत लाने का भी प्रस्ताव है.
तोपखाना विभाग, वाहन डिपो में सुधार, सैन्य फार्मों को बंद करना और शांतिपू्र्ण इलाकों में सैन्य डाकघरों में बदलाव, सेना के ड्राइवरों की नियुक्ति को बेहतर बनाने जैसी सिफारिशों को भी सरकार की मंजूरी मिल गयी है.
सेना के गैर युद्धक विभागों के लिए काम करने वाले लोगों के कामकाज और प्रदर्शन का हिसाब किताब भी रक्षा मंत्रालय के पास रखने की सिफारिश कमेटी ने की है.
कमेटी का दावा है कि सेना में सुधार के लिए सुझायी उसकी सिफारिशों को सरकार मान कर उन्हें लागू कर देती है तो अगले पांच साल में 25 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी.
साल 2015 में भारत सरकार ने सैन्य सुधारों के लिये लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकातकर के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी थी. कमेटी ने दिसंबर 2016 में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी. कुल 188 सिफारिशें सौंपी गयीं जिनमें से 99 सिफारिशों को सरकार ने पहले चरण में मंजूरी दी. 65 सिफारिशों पर काम शुरू हो गया है.