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ब्रेमेन की ताक़त

२१ अगस्त २००९

सन 1899 में स्थापित फ़ुटबॉल क्लब वैर्डर ब्रेमेन को बायर्न म्युंचेन के बाद देश का दूसरा सबसे कामयाब क्लब माना जाता है. बुंडेसलीगा की शुरुआत से ही वह इसमें रहा है, सिर्फ़ 1980-81 में उसे दूसरी लीग में उतरना पड़ा था.

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बोरोव्स्की, पिज़ारो, आलमेदा और फ़्रिंग्स - ब्रेमेन के सितारेतस्वीर: AP

इस समय क्लब के 34 हज़ार सदस्य हैं. क्लब का स्टेडियम है वेज़रस्टाडियोन, जहां 42,100 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है.

वैर्डर ब्रेमेन अब तक चार बार बुंडेसलीगा चैंपियन रहा है, लेकिन सात बार उसे दूसरा स्थान मिला है. इसके अलावा देश के डीएफ़बी कप में वह एक सफल भागीदार रहा है. कुल मिलाकर वह 6 बार यह कप जीत चुका है.

वेज़र नदी के किनारे स्थित ब्रेमेन शहर का यह क्लब गिरने के बाद फिर से उठ खड़े होने के लिए मशहूर है. इसलिए इसे वेज़र का चमत्कार कहा जाता है. यूरोपीय कप की प्रतियोगिताओं में, जहां हर प्रतिद्वंद्वी के ख़िलाफ़ दो मैच खेलने पड़ते हैं, और गोल औसत के आधार पर टीमें आगे बढ़ती हैं, बार-बार यह बात देखने को मिली है. 1987-88 में स्पार्टाक मास्को से 1-4 से हारने के बाद दूसरे मैच में उसकी 6-2 से जीत हुई. अगले साल डाइनामो बर्लिन के साथ 0-3 के बाद 5-0 की जीत, 1993 के चैंपियन्स लीग में आंडरलेष्ट के साथ मैच में 66 मिनट तक 0-3 से पीछे रहने के बाद अंततः 5-3 से जीत इसकी चंद मिसालें हैं.

ओट्टो रेहहागेल 1981 से 1995 तक क्लब के कोच रहे, और इसे क्लब का स्वर्णयुग माना जाता है. 1999 से थोमास शाफ़ क्लब के कोच है. ब्रेमेन की टीम से मिरोस्लाव क्लोज़े जैसे मशहूर खिलाड़ी सामने आए हैं. इस साल बायर्न म्युंचेन से टिम बोरोव्स्की को टीम में लाया गया है, इसके अलावा पेटर नीमायर और टोर्स्टेन फ़्रिंग्स जैसे मशहूर खिलाड़ी टीम के सदस्य हैं.

पिछले साल ब्रेमेन बुंडेसलीगा की तालिका में दसवे स्थान पर था. इस वर्ष दो खेलों के बाद फ़िलहाल अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी बायर्न म्युंचेन के ठीक पीछे 12वें स्थान पर है.

लेखक: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: एस जोशी