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बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर पकड़ कमजोर हो रही है

६ जुलाई २०२२

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सत्ता पर पकड़ कमजोर हो रही है. बुधवार को उन्होंने पद छोड़ने की आशंकाओं पर तो विराम लगा दिया लेकिन विवादों से उनका पीछा नहीं छूटा है. नाराज सांसदों की तादाद बढ़ती जा रही है.

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संसद के साप्ताहिक सत्र में बोरिस जॉनसन
संसद के साप्ताहिक सत्र में बोरिस जॉनसनतस्वीर: REUTERS

मंगलवार को वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के कुछ ही मिनटों के अंतर पर दिए इस्तीफे ने ब्रिटेन में चल रहे सियासी उठापटक को और तेज कर दिया. दोनों मंत्रियों का कहना है कि जॉनसन सरकार बीते कुछ महीनों से जिस तरह के विवादों में घिरती जा रही है उसके बाद उनके लिए पद पर बने रहना संभव नहीं है. इन विवादों में लॉकडाउन के दिनों में प्रधानमंत्री आवास पर हुई पार्टियां भी शामिल हैं जिन्हें लेकर ब्रिटेन के आम लोगों में भी भारी नाराजगी है. खासतौर से उन लोगों में जिन्होंने संकट के दौर में नियमों का पालन करने में मुस्तैदी दिखाई थी.

इस्तीफा देने से इनकार

संसद में प्रधानमंत्री जॉनसन से सवाल पूछने के साप्ताहिक सत्र के दौरान सभी दलों के सांसदों ने बोरिस जॉनसन को कठघरे में खड़ा किया. इस्तीफे की आशंका को नकारते हुए जॉनसन ने सांसदों से कहा, "जब आपने मुझे विशाल जनादेश दिया है तो प्रधानमंत्री के रूप में मेरी जिम्मेदारी है कि मुश्किल घड़ी में भी सरकार चलती रहे और मैं यही करने जा रहा हूं."

एक तरफ बोरिस जॉनसन के मंत्री उनका साथ छोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्हें संसद के निचले सत्र की ताकतवर कमेटियों के सामने घंटों बैठ कर उनके सवालों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें से कुछ तो उनके कड़े आलोचक हैं. मंगलवार को जॉनसन एक वरिष्ठ नेता की नियुक्ति को लेकर माफी मांग रहे थे. इसके कुछ ही मिनटों बाद सुनक और जाविद ने पद छोड़ने का एलान कर दिया. इस वरिष्ठ नेता को शराब के नशे में धुत्त हो कर दो पुरुषों को जबर्दस्ती छूने के आरोप में पद छोड़ना पड़ा.

ऋषि सुनक और साजिद जाविद ने मंगलवार को इश्तीफा दे दिया
ऋषि सुनक और साजिद जाविद ने मंगलवार को इश्तीफा दे दिया

विवादों का सिलसिला

कई दिनों तक चले आरोप प्रत्यारोप के बाद उप मुख्य सचेतक क्रिस पिंचर को भी इस्तीफा देना पड़ा. प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले यह कहा था कि फरवरी में पिंचर की नियुक्ति के वक्त उनके खिलाफ आरोपों की जानकारी उसे नहीं थी. हालांकि मंगलवार को यह बचाव तब ढह गया जब एक पूर्व नौकरशाह ने कहा कि 2019 में जॉनसन जब विदेश मंत्री थे तब उन्हें अपने सहयोगी की एक घटना के बारे में जानकारी दी गई थी.

बाल और परिवार कल्याण मंत्री विल क्विंस ने भी बुधवार को इस्तीफा दे दिया. उनका कहना है कि उन्हें सोमवार को सरकार के बचाव में मीडिया में इंटरव्यू देने के लिए गलत जानकारी दी गई थी. इसके बाद तो इस्तीफे की नई लहर शुरू हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने इस्तीफा दे दिया. राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि अब बोरिस जॉनसन के सत्ता में कुछ ही दिन बचे हैं. जॉनसन के आलोचक और सांसद एंड्रू ब्रिडगेन का कहना है, "मैं और पार्टी का एक बड़ा हिस्सा यह मान चुके हैं कि वह गर्मी की छुट्टियों तक चले जाएंगे, जितनी जल्दी जाएं उतना बेहतर होगा." संसद का गर्मी का अवकाश 22 जुलाई से शुरू होगा.

क्रिस पिंचर को भी इस्तीफा देना पड़ा
क्रिस पिंचर को भी इस्तीफा देना पड़ातस्वीर: Yui Mok/PA Wire/empics/picture alliance

मीडिया में छाए हैं इस्तीफे

ब्रिटेन की मीडिया इस्तीफे की खबरों से भरी हुई है. उनके कुछ बड़े समर्थक अखबार भी आशंका जता रहे हैं कि क्या वो अपनी सरकार बचा पाएंगे. यही सवाल विदेश मंत्री लिज ट्रुस और रक्षा मंत्री बेन वालेस जैसे कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों के मन में भी घुमड़ रहा है. इन लोगों ने अब तक जॉनसन का साथ नहीं छोड़ा है लेकिन यह कब तक जारी रहेगा उसे लेकर वो भी असमंजस में हैं. 

एक महीने पहले बोरिस जॉनसन पार्टी संसदीय दल के अंदर अविश्वास प्रस्तावमें बहुत मामूली फर्क से बच पाए थे. आमतौर पर इसका मतलब यह है कि उन्हें एक साल तक दोबारा चुनौती नहीं दी जा सकेगी. हालांकि टोरी सांसदों की गैर मंत्रियों वाली ताकतवर 1922 कमेटी इस नियम को कथित रूप से बदलवाने की तैयारी में है.

यौन दुर्व्यवहार के आरोप

जॉनसन के कई समर्थक सांसद उस उठापटक को स्थानीय और तात्कालिक बता रहे हैं हालांकि सुनक का जाना जॉनसन के लिए ज्यादा बुरी खबर है. "पार्टीगेट" मामले में पुलिस के जुर्माने का सामना करने वाले जॉनसन के खिलाफ एक संसदीय जांच भी चल रही है जिसमें यह पता लगाया जा रहा है कि क्या उन्होंने सांसदों से झूठ बोला था.

पार्टी के सचेतक मंडल से पिंचर की विदाई ने जॉनसन की पार्टी पर हाल के दिनों में यौन दुर्व्यवहार के आरोपों की संख्या बढ़ा दी है.

इससे पहले सांसद नील पेरिश को भी अप्रैल में तब इस्तीफा देना पड़ा था जब वह सदन में अपने मोबाइल फोन पर पोर्न देखते पकड़े गए थे. इसके बाद हुए उप चुनाव में पार्टी के हाथ से यह सुरक्षित सीट निकल कर विपक्षी लिबरल डेमोक्रैट के पास चली गई. उसी दिन उत्तरी इंग्लैंड के एक और उप चुनाव में मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के हाथों एक और सीट गंवाई. यह सीट भी सत्ताधारी दल के एक सांसद के यौन दुर्व्यहार का दोषी पाए जाने के बाद खाली हुई थी.

एनआर/एमजे (एएफपी)