ब्रिक्स सम्मेलन में विकास बैंक का शुभारंभ
८ जुलाई २०१५लंबे समय से नियोजित यह विकास बैंक मुख्य रूप से ब्रिक्स के सदस्य देशों, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में ढांचागत परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध कराएगा. यह बैंक साल के अंत तक निवेश के लिए अपनी पहली परियोजनाओं का चयन करेगा. प्रसिद्ध भारतीय बैंकर केवी कामत इस बैंक के पहले प्रमुख हैं. न्यू डेवलपमेंट बैंक में शुरुआत में 50 अरब डॉलर की पूंजी होगी जो 10 अरब डॉलर के बराबर बराबर हिस्सों में पांच सदस्य देशों से आएगी.
इसके अलावा ब्रिक्स देश एक मुद्रा पूल भी बना रहे ैहं जिसका मकसद ब्रिक्स के सदस्य देशों में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करना है. डॉलर के अभाव के समय इन देशों के केन्द्रीय बैंक इस पूल का इस्तेमाल कर सकेंगे. इस मुद्रा पूल में चीन 41 अरब डॉलर का योगदान देगा जबकि ब्राजील, भारत और रूस प्रत्येक 18 अरब डॉलर प्रदान करेंगे. शेष 5 अरब डॉलर का योगदान दक्षिण अफ्रीका से आएगा.
विकास की दहलीज पर खड़े ब्रिक्स देशों में दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी रहती है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले ये देश दुनिया के 20 फीसदी आर्थिक उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं. इस मुद्रा पूल और नए विकास बैंक के जरिए ब्रिक्स देश पश्चिमी वर्चस्व वाली वित्तीय प्रणाली को एक नयी संरचना प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के अलावा अपनी पिछली मुलाकातों पर लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगे.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के साथ-साथ इस बार उफा में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर भेंट का भी आयोजन हो रहा है. इस संगठन में चीन और रूस के अलावा कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं. अब इसमें भारत और पाकिस्तान को भी शामिल करने की तैयारी है. भारत ने पिछले साल दुशांबे में हुए शिखर सम्मेलन में एससीओ की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात होने की भी उम्मीद की जा रही है.
एपी/एमजे (डीपीए)