ब्राउन के हटने से रास्ता साफ़
११ मई २०१०प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने सोमवार की शाम ही कह दिया कि वे लेबर पार्टी की अध्यक्षता त्यागने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, लिबरल पार्टी के नेता "मिस्टर क्लेग ने अभी अभी मुझे बताया कि कंज़र्वेटिव पार्टी के साथ अपनी बातचीत जारी रखते हुए वे लेबर पार्टी के साथ बातचीत को भी आगे बढ़ाना चाहते हैं. मेरी समझ से इस का सकारात्मक उत्तर देना समझदारी की बात होगी और देश के हित में भी होगी."
प्रेक्षकों की राय में गॉर्डन ब्राउन की इस घोषणा के बाद से लेबर पार्टी और लिबरल पार्टी की साझा सरकार बनने के अवसर बढ़ गये हैं. लिबरल पार्टी ने चुनाव से पहले ही कह दिया था कि गॉर्डन ब्राउन की अध्यक्षता वाली लेबर पार्टी के साथ मिल कर वह कोई सरकार नहीं बनायेगी. दूसरे शब्दों में, ब्राउन यदि पार्टी अध्यक्ष नहीं रह जायेंगे, तो लिबरल डेमोक्रैटों के लिए लेबर पार्टी के साथ हाथ मिलाने की अड़चन भी दूर हो जायेगी.
जहां तक लिबरल पार्टी और कंज़र्वेटिव टोरी पार्टी के बीच चल रही वार्ता का प्रश्न है, लिबरल नेता निक क्लेग ने कहा, "हमारी कुछ बहुत ही सकारात्मक बातचीत हुई है, हमने काफ़ी प्रगति भी की है, लेकिन हम किसी व्यापक साझेदारी पर अभी सहमत नहीं हो पाये हैं."
दूसरी ओर, लिबरल पार्टी के एक नेता साइमन ह्यूज़ ने आज कहा कि " आज (मंगलवार) या कल (बुधवार) तक पार्टियों के बीच कोई सहमति बन जायेगी." किन पार्टियों के बीच, यह उन्होंने नहीं बताया.
लिबरल खुश हैं कि वे इस समय "किंगमेकर" हैं और दूसरों से इसकी पूरी क़ीमत वसूल कर सकते हैं. इससे से टोरी नेता डेविड कैमरॉन कुछ अधीर से होने लगे हैं. संसद में उन्हीं के पास सबसे अधिक सीटें हैं, पर इतनी नहीं कि वे अकेले ही सरकार बना सकें. उन्हें डर लगने लगा है कि लिबरल ने यदि लेबर का हाथ थाम लिया तो उनका क्या होगा? इसलिए लिबरल नेताओं से उन्होंने कहा है कि "लिबरल डेमोक्रैटों के लिए फ़ैसला करने का समय हो गया है."
दोनो हाथों में लड्डू लिये लिबरल नेता निक क्लेग को कोई उतावली नहीं है. उन का उत्तर था, कि इसे जानने के लिए "मैं भी उतना ही उत्सुक हूँ, जितना दूसरे हैं."
प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन फ़िलहाल तभी तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहेंगे, जब तक किसी नयी सरकार का गठन नहीं हो जाता. पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी पर भी वे अधिक से अधिक सितंबर तक ही रहना चाहते हैं. सितंबर में ही लेबर पार्टी का वार्षिक अधिवेशन होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/राम यादव
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य