1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पेंशन फंड नहीं गायों में पैसा लगा रहे हैं जिम्बाब्वे के लोग

३१ अगस्त २०२२

जिम्बाब्वे में मवेशियों पर पैसा निवेश करना बढ़ता व्यापर बन गया है. यहां महंगाई बहुत ज्यादा है, इसलिए लोग अपना पैसा बैंकों में रखने की बजाय गायों में निवेश कर रहे हैं. विशेषज्ञ इसे सोने के सिक्कों से बेहतर बता रहे हैं.

https://p.dw.com/p/4GH5Y
Simbabwe | Kühe
तस्वीर: Shaun Jusa/Photoshot/picture alliance

जिम्बाब्वे के लोगों के लिए मवेशियों में निवेश करना सबसे ज्यादा फायदे का सौदा बन गया है. दक्षिण अफ्रीकी देश में महंगाई चरम पर है और लोगों का भरोसा बैंकों और पारंपरिक पेंशन फंडों से उठ गया है. इस साल जून में जिम्बाब्वे की सालाना महंगाई दर 192 प्रतिशत पर पहुंच गई. बीते एक साल में यह सबसे ज्यादा है.  इसकी वजह है यूक्रेन की लड़ाई जिसने वैश्विक स्तर पर उपभोक्ता सामानों की कीमत बढ़ा दी है. बीते 20 सालों में जिम्बाब्वे के बहुत से लोगों ने बैंकों और पेंशन फंडों में जमा अपनी रकम गंवा दी है.

"रंभाती बैंक"

कुछ लोग अपने निवेश को बचाने के लिये सुरक्षित उपाय ढूंढ रहे हैं और मवेशियों में निवेश उनके लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.  टेड एडवर्ड्स सिल्वरबैंक एसेट मैनेजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, मजाक में कुछ लोग इनकी कंपनी को "रंभाती बैंक" भी कहते हैं. यह एक यूनिट ट्रस्ट है जो मोटे तौर पर मवेशियों पर आधारित है. एडवर्ड्स के मुताबिक कारोबार जबर्दस्त तरीके से फैल रहा है. एडवर्ड्स का कहना है, "गायें कुछ लोगों के लिए सुरक्षित विकल्प हैं." उन्होंने यह भी बताया कि कुछ एसेट मैनेजमेंट कंपनियां मवेशियों में निवेश के जरिये निवेशकों के लिये पैसा बनाने के पारंपरिक तरीके लेकर आई हैं. एडवर्ड्स की कंपनी ने एक यूनिट ट्रस्ट इनवेस्टमेंट फंड बनाया है जिसमें लोग स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल कर निवेश कर सकते हैं.

गायों में निवेश महंगाई के दौर में मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है
मवेशियों को जिम्बाब्वे में संपत्ति की तरह देखा जाता हैतस्वीर: AP/picture alliance

मवेशियों की कीमत में स्थायित्व

एडवर्ड्स ने डीडब्ल्यू को बताया कि गुजरे सालों में मवेशियों ने दिखाया है कि वो महंगाई के झटकों को बर्दाश्त कर सकते हैं, "हमने एक यूनिट ट्रस्ट फंड बनाया है जिसका नाम है मोंबे मारी ट्रस्ट फंड. हमने मवेशियों को ट्रस्ट फंड में यूनिट बना दिया है जिसके जरिये मवेशी उद्योग में निवेश को लुभाया जा रहा है."

फिलहाल एक यूनिट 100 किलो जीवित मवेशी के बराबर है. एडवर्ड्स बताते हैं, "इसमें निवेश उन सब लोगों के लिये खुला है जो यूनिट ट्रस्ट के यूनिट खरीदना चाहते हैं." मवेशी यूनिट ट्रस्ट भले ही नई बात हो लेकिन जिम्बाब्वे में पारंपरिक रूप से मवेशी ग्रामीण किसानों के लिये संपत्ति का जरिया रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः गायों के पेट में छिपा है प्लास्टिक के खात्मे का राज

गायों में निवेश से पैसे पर नियंत्रण

जिम्बाब्वे का दक्षिणी हिस्सा प्रमुख रूप से मवेशियों के फार्मों के लिये जाना जाता है. किसान जेंजेले एंडेबेले कहते हैं कि उन्हें कभी भी मवेशियों में निवेश करने का अफसोस नहीं हुआ. आज देश में महंगाई की वजह से जो हालात हैं उनमें भी एंडेबेले का काम मजे में चल रहा है. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "मैं अपने मवेशियों से क्या कर सकता हूं इस पर मेरा थोड़ा नियंत्रण है. आप सचमुच हिसाब कर सकते हैं, आपके मवेशी की एक समय के बाद कीमत बढ़ेगी और फिर आप चाहें तो उसे बेच सकते हैं."

महंगाई का हाल चाहे जो हो लेकिन मवेशी अपनी एक कीमत बनाये रखते हैं. इसके साथ ही प्रजनन की संभावना के कारण लंबे समय में अपना मोल बढ़ा लेते हैं क्योंकि हर साल औसतन एक बछड़े का जन्म होता है.

जिम्बाब्वे की महंगाई लोगों का निवेश चट कर जा रही है
अत्यधिक महंगाई की वजह से 2008 में जिम्बाब्वे ने 100 अरब डॉलर का नोट जारी किया तस्वीर: AP

ऐसे काम करती है गाय में निवेश की योजना

निवेशकों का दल चाहे तो पूरे गाय में निवेश कर सकता है या फिर लोग स्वतंत्र रूप से गाय या बछड़े में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं. जब गाय बछड़े को जन्म देती है तो उसकी कीमत क्लाइंट के पोर्टफोलियो में जुड़ जाती है.

बछड़ों को बाद में बैल की तरह बेच दिया जाता है और इससे मिले पैसे से उसी कीमत की बछिया खरीदी जाती है. ऊंचे दर्जे के जीवों को बेचने से भी रिटर्न में फायदा होता है. 

यह भी पढ़ेंः चीन बहाना चाहता है दूध की नदियां लेकिन गाय नहीं हैं

गाय में निवेश के जोखिम

मवेशियों को लंबे समय से अफ्रीका में संपत्ति के रूप में देखा जाता रहा है. फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक जिम्बाब्वे की जीडीपी में मवेशियों की हिस्सेदारी 35 से 38 प्रतिशत है. गाय में  निवेश के जोखिम भी हैं.

जिस तरह से महंगाई मुद्रा में निवेश को चट कर सकती है, मवेशी भी सूखे या बीमारियों की चपेट आ कर खत्म हो सकते हैं. हालांकि गिफ्ट मुगानो जैसे अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जिम्बाब्वे में जिस तरह की आर्थिक उठा पटक चल रही है उसमें निवेश का यह विकल्प ज्यादा सुरक्षित है.

महंगाई के कारण सोने के सिक्के मुद्रा के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं
हाल ही में जिम्बाब्वे ने सोने के सिक्के मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल के लिये जारी किये हैंतस्वीर: Tsvangirayi Mukwazhi/AP/picture alliance

सोने के सिक्के या गाय

मुगानो ने डीडब्ल्यू से कहा, "गायों या दूसरे मवेशियों में निवेश सोने के सिक्कों में निवेश से बढ़िया है. जब मवेशी बच्चा देते हैं तो वो आपके लिये ब्याज है. यह ज्यादा अच्छा बैंक है, बजाय इसके कि आप बैंक में पैसा जमा करें और महंगाई उसे साफ कर दे."

जिम्बाब्वे के केंद्रीय बैंक ने जुलाई से आमलोगों को सोने के सिक्के बेचना शुरू किया है जिससे कि महंगाई के दौर में लोगों का निवेश सुरक्षित रखा जा सके. सोने के सिक्के स्थानीय मुद्रा, डॉलर और दूसरी विदेशी मुद्राओं में बेची जाती हैं.

विक्टोरिया फॉल्स के नाम रखे गये मोसीओआ टुन्या सोने के सिक्के मुख्य रूप से सोने के बने हैं और इन्हें दुकानों में खरीदारी के अलावा कर्ज या उधार लेने के लिये सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.