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बेटे की चाह खींच लाती है इस्राएली औरतों को वेस्ट बैंक

७ अप्रैल २०२२

वेस्ट बैंक के फलस्तीनी फर्टिलिटी क्लिनिक बेटे की चाह रखने वाले अरब इस्राएली मां बाप को किसी चुंबक की तरह खींचते हैं. जोखिम वाले उपाय मां और बच्चे के लिए खतरनाक हैं लेकिन बेटे की चाह ऐसी है कि लोग मानते नहीं.

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बेटे की चाह में स्वास्थ्य की अनदेखी
बेटे की चाह में स्वास्थ्य की अनदेखीतस्वीर: JAAFAR ASHTIYEH/AFP/ Getty Images

इस्राएल के यासमीन और जैकी के मन में एक बेटे का सपना है. इस्राएली कानून में बच्चों के लिंग के चुनाव पर सख्त नियम हैं. ऐसे में ये दोनों कई घंटे की ड्राइव के बाद यरुशलम के उपनगर से वेस्ट बैंक के नाबलुस के एक क्लिनिक में पहुंचे हैं. डीमा सेंटर के वेटिंग रूप में 27 साल की यासमीन दीवारों पर लगे बच्चों की तस्वीरें, और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के जरिए बच्चा पाने में सफल लोगों के अनुभव को थोड़ी घबराहट और उम्मीदों के साथ देखती हैं.

परिवार के नाम के लिए बेटा चाहिए

ब्रिटेन से प्रशिक्षण लेकर आईं क्लिनिक की निदेशक अमानी मारमाश हर रोज तकरीबन 20 लोगों को मशविरा देती हैं. इनमें से आधे तो वेस्ट बैंक के फलस्तीनी होते हैं लेकिन बाकी आधे यासमीन जैसे इस्राएल के फलस्तीनी नागरिक हैं. इनके पूर्वज 1948 के बाद भी जहां रहते थे वहीं रह गए और वो हिस्सा इस्राएल बन गया. बाकी लोग भाग कर फलस्तीनी इलाकों में चले गए. डॉक्टर बताते हैं कि बहुत से लोग परिवार का नाम चलाने और आर्थिक सहारे के लिए बेटों की चाह रखते हैं. 34 साल के जाकी ने बताया, "हम अपनी दो बेटियों के लिए भाई चाहते हैं." जाकी और यास्मीन का नाम बदला हुआ है क्योंकि यहां समाज में आईवीएफ अब भी वर्जित समझा जाता है और ये लोग अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते.

वेस्ट बैंक के आईवीएफ सेंटर में इस्राएली औरतें खूब आती हैं
वेस्ट बैंक के आईवीएफ सेंटर में इस्राएली औरतें खूब आती हैंतस्वीर: JAAFAR ASHTIYEH/AFP/ Getty Images

इस्राएल में प्रति नागरिक के हिसाब से आईवीएफ इस्तेमाल करने वालों की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है. यहां 45 साल की उम्र तक की महिलाओं के लिए आईवीएफ की सुविधा मुफ्त है. आईवीएफ का इस्तेमाल करने वाली औरतों को हार्मोन्स दिए जाते हैं और उसके बाद फिर अंडाणुओं को बाहर निकाल कर गर्भ के बाहर निषेचित कराया जाता है. निषेचन के बाद बनने वाले युग्मक को फिर गर्भाशय में डाल दिया जाता है.

दुनिया के दूसरे देशों की तरह इस्राएल में भी इसकी प्रक्रिया बहुत सारे नियमों से संचालित होती है. इस्रायली औरतों को चार बेटियां पैदा करने के बाद ही केवल नर युग्मक के इंप्लांट की इजाजत है. यास्मीन ने बताया कि वेस्ट बैंक में "हमसे शायद ही कुछ पूछा जाता है."

सफलता के दावे  

दीमा सेंटर के फेसबुक पेज पर दावा किया गया है कि लिंग के चुनाव के 99.9 फीसदी मामलों में सफलता मिलती है. हालांकि वो यह नहीं बताते कि आईवीएफ के जरिए कुल मिलाकर गर्भधारण की सफलता दर काफी कम है. सेंटर के पेज पर एक पोस्ट में लिखा गया है, "दीमा सेंटर के साथ अपने बच्चे का लिंग चुनिए और इंशाअल्लाह आपका परिवार एक बेटा और एक बेटी के साथ पूरा होगा."

मारमाश ने बताया कि आईवीएफ के जरिए सब ठीक रहे तो भी 60-65 फीसदी मामलों में ही गर्भधारण सफल हो पाता है. क्लिनिक में काम करने वाले डॉक्टर सलाम अताबेह ने बताया कि इसकी भरपाई करने के लिए "दो से तीन युग्मक गर्भाशय में डाले जाते हैं." हालांकि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय दिशा निर्देशों के विरुद्ध है. इनके मुताबिक ज्यादा से ज्यादा एक से दो युग्मक ही इंप्लांट किए जाने चाहिए. 40 से ज्यादा उम्र की औरतों के लिए तीन युग्मक का अपवाद है.यास्मीन ने पहली बार में ही तीन युग्मक डलवाए ताकि ज्यादा उम्मीद रहे लेकिन पहला दौर नाकाम हो गया. अगर दूसरी बार भी सफलता नहीं मिली तो फिर यास्मीन का कहना है कि तीसरी कोशिश से भी वो हिचकिचाएंगी नहीं. एक ऑपरेशन का खर्च 2700 से 4100 यूरो तक आता है. बहुत से फलस्तीनी लोगों के लिए यह रकम बहुत ज्यादा है. महंगा होने के कारण वो चाहते हैं कि हर कोशिश में गर्भधारण की ज्यादा से ज्यादा उम्मीद रहे.

निजी हाथों में हैं फलस्तीन के आईवीएफ क्लिनिक
निजी हाथों में हैं फलस्तीन के आईवीएफ क्लिनिक तस्वीर: JAAFAR ASHTIYEH/AFP/ Getty Images

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मां और बच्चे के लिए जोखिम

डॉ अताबेह बताते हैं कि वो मरीजों को जोखिम के बारे में पहले से ही सावधान करते हैं. इसमें ओवरी का अत्यधिक उभार, समय से पहले प्रसव, एक से ज्यादा जन्म और बच्चे के लिए बड़े जोखिम शामिल हैं. एक गायनेकोलॉजिस्ट ने बताया कि वो हर महीने इस्राएल के अस्पतालों में दर्जनों ऐसे मरीज देखती हैं जिनमें आईवीएफ से जुड़ी समस्या होती है. ये वही मरीज होते हैं जिन्होंने वेस्ट बैंक में आईवीएफ ट्रीटमेंट कराया होता है.

ओवरी का अत्यधिक उभार वैसे तो कम ही होता है लेकिन अगर हो जाए तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. उसे सांस लेने में दिक्कत, उबकाई और किडनी फेल होने जैसी दिक्कत भी हो सकती है. दो से ज्यादा युग्मक इंप्लांट करने पर एक से ज्यादा जन्म वाले गर्भ की बहुत आशंका रहती है और फिर नवजात बच्चों को कई-कई हफ्ते आईसीयू में रखने की नौबत भी आती है. कुछ बच्चे पूरी जिंदगी के लिए विकलांग हो जाते हैं. डॉक्टर ने बताया कि अंधापन, बहरापन और दिमाग के विकास में मुश्किल जैसी समस्याएं होती हैं.

पेट आपका, बच्चा उनका

डॉक्टर ने यह भी कहा, "जब औरतें तीन गर्भ या फिर दूसरी समस्याओं के साथ यहां के अस्पताल में आती हैं तो इसका खर्च इस्राएल उठाता है उनके आईवीएफ क्लिनिक नहीं."

हदील मासरी फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय में महिला स्वास्थ्य और प्रसूती विभाग की प्रमुख हैं. उन्होंने बताया कि धन की कमी से जुझते फलस्तीन के पास आईवीएफ क्लिनिक के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में यह क्षेत्र पूरी तरह निजी हाथों में हैं. उन्होंने कहा, "हम औरतों को इन खतरों में डाल रहे हैं."

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अल कुद्स यूनिवर्सिटी में सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रोफेसर बासेम अबु हमाद कहते हैं कि क्लिनिक एक बार में पांच युग्मक तक इंप्लांट कर देते हैं क्योंकि उन्हें "बेहतर नतीजों की जरूरत होती है ताकि ज्यादा पैसा आए. यह व्यापार है."

एनआर/एडी(एएफपी)