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बेकार फॉरवर्ड लाइन और फिर हार

२ अगस्त २०१२

लंदन ओलंपिक पार्क के रिवर बैंक हॉकी स्टेडियम में ब्रिटेन में बसे हजारों भारतीय तिरंगा लेकर अपने देश की हॉकी टीम का जोश बढ़ाने हुए. लेकिन उनका शोर और भरपूर समर्थन भी भारत को न्यूजीलैंड के हाथों हार से नहीं बचा सका.

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तस्वीर: DW/N. Pritam

खेल की शुरुआत में ही एक गोल से बढ़त लेने के बावजूद भारत तीन के मुकाबले एक गोल से हार गया. पूल बी में भारत की यह लगातार दूसरी हार है. अब भारत के लिए सेमीफाइनल की राह मुश्किल भरी है. अभी पूल में भारत को कोरिया, जर्मनी और बेल्जियम से खेलना है. भारत बेल्जियम को भले ही हरा दे लेकिन बाकि दोनों टीमें बहुत मजबूत हैं. अगर भारत पहले 10 में भी जगह बना ले तो गनीमत होगी.

बुधवार के मैच में भारत शुरू के साथ-आठ मिनट के बाद खेल में कहीं नहीं दिखा. पेनल्टी कॉर्नर एक्सपर्ट संदीप सिंह के शुरुआती गोल से कुछ हिम्मत तो बंधी. लेकिन उसके बाद जो हुआ वो काफी निराशजनक रहा. सरदार सिंह का खेल ज़रूर तारीफ के काबिल था लेकिन बाकि टीम, खासतौर से फॉरवर्ड लाइन तो कहीं मैच में दिखी ही नहीं.

Olympia 2012 Indien Hockey
तस्वीर: DW/N. Pritam

मैच के बाद भारतीय पत्रकारों से बातचीत में सरदार सिंह ने माना की फॉरवार्ड लाइन बेकार खेली. सरदार ने कहा, "हमारे फॉरवर्ड खिलाड़ी पहले भी कमज़ोर थे और आज भी कुछ नहीं कर सके."

सरदार सिंह ने माना कि कोच माइकल नोब्स ने कई बैठकों में खिलाडियों से इसकी ताकीद कर चुके थे, लेकिन इसके बावजूद फॉरवर्ड लाइन कमाल नहीं दिखा सकी.

ओलंपिक में लगातार दूसरी हार के बाद कोच नोब्स ने कहा कि अगर हॉकी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत कुछ करना चाहता है तो भारतीय खिलाड़ियों को शारीरिक रूप से मज़बूत होना पड़ेगा.

रिपोर्ट: नौरिस प्रीतम, लंदन

संपादन: ओ सिंह

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