बुरहान वानी की बरसी पर अशांत हुआ कश्मीर
८ जुलाई २०१७भारत प्रशासित कश्मीर में शनिवार को आम लोगों की पुलिस और सुरक्षा बलों से तीखी झड़पों में कम से कम 15 लोग घायल हुए हैं. चरमपंथी बुरहान वानी की पहली बरसी पर श्रीनगर में लोग प्रदर्शन करने निकले. प्रशासन ने पहले से ही कर्फ्यू लगा रखा था. चश्मदीदों का कहना है कि कम से कम चार जगहों पर लोगों ने अलगावादियों के पक्ष और भारत सरकार के विरोध में नारे लगाते हुए मार्च निकालने की कोशिश की. पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने लोगों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया जिसके बाद लोगों ने पथराव शुरू कर दिया.
इसी बीच नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की भी खबर आयी है. पाकिस्तान की सेना का कहना है कि भारतीय सेना की तरफ से हुई फायरिंग में दो आम लोगों की मौत हुई है और तीन लोग घायल हुए हैं. वहीं भारतीय सेना के मुताबिक पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों की फायरिंग में छुट्टी पर बीवी के साथ घर जा रहे एक सैनिक की मौत हुई है. भारतीय सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने इसे बिना उकसावे के 2003 के युद्धविराम का उल्लंघन बताया है.
भारतीय सुरक्षा बलों ने लगातार दूसरे दिन बुरहान वानी के गृहनगर तराल को सील कर दिया है. एक साल पहले बुरहान वानी की भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में मौत हो गयी थी. उसके बाद से ही कश्मीर के विरोध प्रदर्शनों में तेजी आ गयी. इस एक साल में कम से कम 90 लोगों की मौत हुई है जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं. सुरक्षा बलों ने सड़कों पर कांटेदार और जगह जगह बैरिकेड लगा दिये हैं ताकि दूसरे शहरों से लोग यहां ना पहुंच सकें. मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की सेवा भी बंद कर दी गयी है. पुलिस ने लोगों से घरों में रहने को कहा है. इलाके के पुलिस प्रमुख एसपी वैद ने कहा, "कानून व्यवस्था के मसले से निपटने के लिए हमने कड़े प्रतिबंध लगा दिये हैं."
दूसरी तरफ अलगाववादी नेताओं ने बुरहान वानी के सम्मान में बंद और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. ज्यादातर बड़े नेताओं को पहले ही सरकार ने गिरफ्तार या नजरबंद कर रखा है. बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ था. हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष नेता सैयद सलाहुद्दीन को हाल ही में अमेरिका ने "ग्लोबल टेररिस्ट" घोषित किया है. पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में सैयद सलाहुद्दीन ने शनिवार को बुरहान वानी के सम्मान में एक रैली को संबोधित किया इसमें हजारों लोग पहुंचे थे. सलाहुद्दीन ने इस रैली में कहा, "हमें सिर्फ राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन ही नहीं अब हमें भारतीय सेना के खिलाफ पुख्ता सैन्य सहयोग चाहिए." बुहरहान वानी की बरसी पर पाकिस्तान के कुछ शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
बुरहान वानी की मौत और लोगों में इसे लेकर प्रतिक्रिया ने कश्मीर में चरमपंथी गतिविधियों को तेज कर दिया है. हाल के वर्षों में इसमें काफी कमी आयी थी लेकिन अब एक बार फिर विरोध प्रदर्शनों के साथ ही चरमपंथी हमलों का सिलसिला भी तेज हो गया है. अपुष्ट खबरों में कहा जा रहा है कि बुरहान वानी की मौत के बाद कम से कम युवाओं ने चरमपंथ का रुख कर लिया है. इनमें से कई ने तो सेना और सुरक्षा बलों से ही छीन कर हथियार उठाया है. चरमपंथी और अलगाववादी 1989 से ही कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए अभियान चला रहे हैं. अब तक इसमें करीब 70 हजार लोगों की मौत चुकी है.
एनआर/एके (एपी, एएफपी, डीपीए)