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बीसीसीआई की धौंस से पलटे धोनी

१५ फ़रवरी २०११

वर्ल्ड कप से पहले मानसिक रूप से मजबूत न होने का बयान देकर विवादों में घिरे महेंद्र सिंह धोनी अब अपना बचाव कर रहे हैं. बीसीसीआई की नाराजगी के बाद कप्तान धोनी ने सफाई दी है कि उन्होंने यह नहीं कहा कि टीम थकी हुई है.

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वॉर्म अप मैच के फायदे गिनाएतस्वीर: AP

वर्ल्ड कप में जीत के लिए भारत की उम्मीदों को कंधों पर उठाने वाले धोनी ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है और उनका यह मतलब नहीं था कि टीम थकान से जूझ रही है. "यह थकान की बात नहीं है. यह मानसिक मजबूती के स्तर की बात है. मेरा मतलब था कि वॉर्म अप मैच वर्ल्ड कप के मैच नहीं हैं और मैं उसके लिए फिट होने की बात कह रहा था." भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना दूसरा वॉर्म अप बुधवार को खेलेगा.

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नाराज हुई बीसीसीआईतस्वीर: AP

लेकिन उनके इस बयान पर बीसीसीआई खफा है. बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह मानते हैं कि क्रिकेट का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहा है लेकिन बीसीसीआई की नीति साफ है कि जो भी थका हुआ महसूस कर रहा है वह हमें बता सकता है और हम उसे आराम के लिए कहेंगे. और आराम करने के बाद जब वह फिट महसूस करें तो वह फिर खेलने के लिए टीम में आ सकता है. बीसीसीआई किसी पर खेलने का दबाव नहीं डाल रही है. कोई किसी को नहीं कह रहा है कि वह चैंपियंस लीग या आईपीएल में खेले.

धोनी का कहना है कि टीम हर मैच के लिए 100 फीसदी तैयार होती है लेकिन एकदम से वॉर्म अप मैच अगर खेलना हो तो तैयारी में अंतर होता है. अपने करियर, स्कूल क्रिकेट या फिर जिला स्तर के मैचों में मैंने वॉर्म अप मैच नहीं खेले हैं. यह बिलकुल अलग स्तर होता है और इसके लिए अलग से तैयारी की जरूरत होती है. धोनी के मुताबिक वह सिर्फ वॉर्म अप मैच की अलग तैयारी की ओर ही इशारा कर रहे थे और इसका टीम के थके होने से संबंध नहीं है.

पहले वॉर्म अप मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 38 रन से हराया लेकिन उसके बाद यह बयान देकर खेलप्रेमियों की त्योरियां चढ़ा दीं कि टीम मानसिक रूप से तैयार नहीं है और इसकी वजह से ही अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर सकी. धोनी ने कहा कि टीम इतने अंतरराष्ट्रीय मैच खेलती है, जिसमें टेस्ट मैच से लेकर आईपीएल तक शामिल होता है और उसका कार्यक्रम काफी व्यस्त रहता है. ऐसे में खिलाड़ियों को अभ्यास मैच के लिए प्रेरित कर पाना आसान नहीं है और यह एक तरह का सिरदर्द है.

अब धोनी कह रहे हैं कि उनका मतलब सिर्फ वॉर्म अप मैच की तैयारी से है. हालांकि धोनी मान रहे हैं कि प्रैक्टिस में खिलाड़ियों की धड़कनें ऊपर नीचे होती हैं और वे स्कोर करना चाहते हैं फिर भले ही यह अभ्यास मैच हो.

धोनी ने वॉर्म अप गेम के फायदे को समझाते हुए कहा कि नेट सेशन में खिलाड़ियों को पूरी तरह पता नहीं चल पाता कि बल्ले के किनारे को छूती गेंद स्लिप में गई या फिर बाउंड्री के पार गई. अभ्यास मैच यह देखने का बढ़िया जरिया है. अब धोनी भले ही अपने बयान पर सफाई दे रहे हों लेकिन क्रिकेट बोर्ड और प्रशंसकों को वह वर्ल्ड कप से पहले जोर का झटका दे चुके हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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