बाढ़ राहत पर भारत को पाक फैसले का इंतजार
१७ अगस्त २०१०भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि भारत इस खेप के बाद आगे भी राहत के लिए मदद देने का विचार रखता है. लेकिन फिलहाल इस मुद्दे पर पाकिस्तानी रुख का इंतजार कर रहा है. भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी से पिछले हफ्ते बात की तो इस मदद देने का प्रस्ताव रखा.
भारत समझता है कि अगर पाकिस्तान सीधे तौर पर भारत से मदद लेने से परहेज कर रहा हो तो संयुक्त राष्ट्र की मदद के तहत उसे यह राशि पहुंचाई जा सकती है. इस संभावना से इनकार नहीं किया गया है.
इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने माना कि भारत के विदेश मंत्री ने उनसे फोन पर बात की और मदद देने का वादा किया. उन्होंने कहा, "हां, उन्होंने मदद देने की पेशकश की है और पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह बताए कि पहले किस तरह की मदद चाहिए. इस बारे में मैंने पाकिस्तान के नेतृत्व को जानकारी दे दी है और वे इस पर विचार कर रहे हैं."
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान ने दूसरे देशों से तो राहत और मदद ले ली है लेकिन भारत से मदद लेने में आनाकानी क्यों कर रहा है, कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ संवेदनशील रिश्ते हैं और यह मामलों को अलग बनाता है.
इस बीच, डेली टाइम्स अखबार ने रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तान भारत से मदद ले सकता है, बशर्ते यह मदद संयुक्त राष्ट्र के रास्ते उस तक पहुंचे. कृष्णा ने मदद की बात करते हुए कहा कि यह मुश्किल घड़ी में फंसी पाकिस्तानी जनता के लिए भारत की एकजुटता का प्रतीक है.
पाकिस्तान में अब तक के सबसे भयंकर बाढ़ में 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दो करोड़ से ज्यादा की आबादी इससे प्रभावित हुई है. बाढ़ से लाखों हेक्टेयर की फसल तबाह हो चुकी है और कई सड़कों के अलावा पुल भी बह गए हैं.
भारत पाकिस्तान के मुश्किल रिश्तों के बावजूद दोनों देश प्राकृतिक आपदाओं में एक दूसरे की मदद करते रहे हैं. करीब पांच साल पहले 2005 के भूकंप के वक्त भारत ने पाकिस्तान को मदद भेजी थी, जबकि पाकिस्तान ने गुजरात भूकंप के दौरान भारत को मदद दी थी.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः एन रंजन