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बांग्लादेश में इमरजेंसी हटेगी 17 दिसम्बर से

११ दिसम्बर २००८

बांग्लादेश में सेना का समर्थन प्राप्त सरकार ने 17 दिसम्बर को इमरजेंसी हटाने की घोषणा की है. बांग्लादेश में पिछले 2 सालों से आपातकाल लागू है. 29 दिसम्बर को आम चुनाव से पहले लोकतंत्र बहाल करने के लिए यह क़दम लिया गया है.

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जनवरी 2007 में लगी थी इमरजेंसीतस्वीर: AP

बांग्लादेश में 2007 के जनवरी महीने में इमरजेंसी लगाई गई थी और तभी से जनता आपातकाल के साए में जी रही है. बांग्लादेश सरकार में मंत्री हुसैन ज़िल्लूर रहमान ने बताया कि इमरजेंसी के हटने से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए रास्ता साफ़ हो जाएगा. हुसैन रहमान के अनुसार 17 दिसम्बर की सुबह आपातकाल की समाप्ति की घोषणा कर दी जाएगी.

Bildcombo Sheikh Hasina und Khaleda Zia
राजनीतिक दलों ने आम चुनावों से पहले आपातकाल हटाने की मांग की थीतस्वीर: AP/DW

बांग्लादेश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने आम चुनावों के मद्देनज़र इमरजेंसी हटाए जाने की मांग की थी और कहा था कि आपातकाल रहते चुनावों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा. आपातकाल के दौरान राजनीतिक रैलियां निकालने और प्रचार करने पर रोक है. लेकिन रहमान का कहना है कि 12 दिसम्बर के बाद इसकी अनुमति राजनीतिक दलों को मिल जाएगी.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी बांग्लादेश में सेना समर्थित सरकार से चुनाव से पहले आपातकाल हटाने की अपील की थी. कुछ ही दिन पहले बांग्लादेश में आम चुनावो की तारीख़ 18 दिसम्बर से बदल कर 29 दिसम्बर कर दी गई थी. पूर्व प्रधानमंत्री ख़ालिदा ज़िया की पार्टी ने चुनाव की तारीख़ पीछे हटाने की मांग की थी. ख़ालिदा ज़िया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने धमकी दी थी कि अगर आपातकाल नही हटाया जाता तो बीएनपी चुनावों का बहिष्कार करेगी.

बीएनपी ने 17 दिसम्बर को इमरजेंसी समाप्त किए जाने के फ़ैसले का स्वागत किया है और इसे बांग्लादेश की आम जनता की जीत बताया है. बीएनपी की प्रतिद्वंदी आवामी लीग ने सरकार के इस क़दम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिलेगी. बांग्लादेश में बीएनपी और आवामी लीग के बीच हिंसक झड़पों के बाद सेना ने चुनाव टाल दिए थे, इमरजेंसी लगा दी गई थी और एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था.