बांग्लादेश की ऐतिहासिक जीत
१४ जुलाई २००९किंग्सटन के मैदान पर वेस्ट इंडीज़ के टिनो बेस्ट का विकेट गिरते ही बांग्लादेश के कुछ खिलाड़ी तेज़ी से विकेट उखाड़ने के लिए दौड़े. बाकी खिलाड़ी विदेशी ज़मीन पर मिली पहली टेस्ट जीत के जश्न में झूमते नज़र आए.
मैच के आख़िरी दिन बांग्लादेश ने पहले सत्र में बल्लेबाज़ी करते हुए 345 रन पर पारी घोषित की और वेस्ट इंडीज़ के सामने जीत के लिए 277 रन की चुनौती रख दी. पहले से दवाब में दिखाई पड़ रही कैरेबियाई टीम इसके बाद मैच बचाने के मकसद से मैदान पर उतरी लेकिन नाकाम रही.
पहला झटका तीसरे ओवर में ही लगा. सलामी बल्लेबाज़ डेल रिचर्ड्स के पैवेलियन लौटते ही विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया. संकट में फंसी की टीम की मदद कुछ हद तक अकेले डेविड बर्नाड ने की. बर्नाड 52 रन बनाकर एक छोर पर डटे रहे लेकिन उनका साथ कोई नहीं दे सका.
बर्नाड के अलावा मेज़ाबान टीम का कोई भी बल्लेबाज़ बांग्लादेश के दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर महमूद महमूदुल्लाह को नहीं समझ पाया. अपना पहला टेस्ट खेल रहे महमूदुल्लाह ने पांच विकेट झटके. बाएं हाथ के फिरकी गेंदबाज़ शाकिब अल हसन ने भी तीन विकेट चटकाए. दूसरी पारी में 128 रन की शानदार पारी खेलने वाले बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज़ तमीम इक़बाल को मैन ऑफ द मैच चुना गया.
हालांकि इस मैच में वेस्ट इंडीज़ की दूसरे दर्जे की टीम खेल रही थी. यह नौबत वेस्ट इंडीज़ की प्रमुख टीम के खिलाड़ियों और क्रिकेट बोर्ड के बीच चल रही अनबन के चलते आई. वेस्ट इंडीज़ की मुख्य खिलाड़ियों का आरोप है कि बोर्ड ने उन्हें पिछले चार टूर्नामेंटों का पैसा ही अभी तक नहीं दिया है. इसी तकरार के चलते बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट में वेस्ट इंडीज़ की पूरी टीम बदल दी गई. मौजूदा टीम में सात नए खिलाड़ियों को शामिल करना पड़ा. लेकिन इस हार के बाद भी बोर्ड और सीनियर खिलाड़ियों के बीच तनाव कम नहीं हुआ है. कैरेबियाई क्रिकेट बोर्ड ने सीनियर खिलाड़ियों को चेतावनी दी है कि अगर वह ज़िद पर अड़े रहे तो दो महीने बाद होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी नई टीम चुनी जाएगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस जोशी